बात उन दिनों की है, जब अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अन्ना हजारे के सहारे दिल्ली में आंदोलन की अलख जगा रहे थे. इसी दौरान अरविंद केजरीवाल ने दागी नेताओं के बारे में टिप्पणी करते हुए 'पान सिंह तोमर' फिल्म के उस डायलॉग का जिक्र किया था, जिसमें अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) ने कहा था- बीहड़ में बागी रहते हैं, डाकू तो संसद में रहते हैं. केजरीवाल ने तब कहा था- संसद में लुटेरे, बलात्कारी और हत्यारे बैठे हुए हैं. हालांकि बाद में उन्होंने अपनी सफाई में कहा था- 'जब ऐसे डायलॉग पर लोग तालियां बजाते हैं, तो हमें हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि आज हमारी संसद की यही छवि है.' इसके अलावा 29 दिसंबर 2011 को संसद में लोकपाल बिल फाड़ने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था- जब सांसद राजनीति प्रसाद ने मंत्रीजी के हाथ से बिल छीनकर फाड़ दिया, तब क्या संसद अपमानित नहीं हुई. जब संसद में कुर्सियां फेंकी जाती हैं, माइक उखाडकर फेंके जाते हैं, तब क्या संसद की गरिमा बनी रहती है.
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अरविंद केजरीवाल के बयान का राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने टीम अन्ना पर हमला बोलते हुए कहा था- 'टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल हताश व्यक्ति हैं. केजरीवाल बौखला गया है. वह क्या कह रहे हैं, उस पर हमें ध्यान नहीं देना चाहिए. वह कुछ दिन में पागल हो जाएंगे.' तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने टीम अन्ना को अपराधियों का समूह करार देते हुए कहा था, 'अन्ना हजारे भ्रष्ट लोगों से घिरे हुए हैं.' उन्होंने यह भी कहा था, 'मुलायम ने टीम अन्ना के सदस्यों को मुल्जिमों की तरह संसद में बुलाने की मांग की थी.'
अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा था, मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा. मैंने सिर्फ जनता के प्रश्नों को उठाया था. अगर आपके कानून की नजर में मैं दोषी हूं तो मैं उस कानून के तहत सजा भुगतने के लिए तैयार हूं. मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी बात कहने का मौका चाहता हूं.
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इससे पहले टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने सांसदों के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी पर लोकसभा सचिवालय से मिले विशेषाधिकार हनन की नोटिस के जवाब में कहा था, 'उन्होंने संसद का अपमान नहीं किया, बल्कि संसद के अंदर बैठने वाले लोग लगातार संसद का अपमान कर रहे हैं. वह संसद का सम्मान करते हैं, लेकिन दागी 162 सांसदों के प्रति सम्मान नहीं जाहिर कर सकते.'
Source : News Nation Bureau