लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत मिले अशोक चक्र सम्मान को शनिवार को उनकी पत्नी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ग्रहण किया. वानी ने जम्मू एवं कश्मीर में शहीद होने से पहले दो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था. 70 वें गणतंत्र दिवस पर, वानी की मां के साथ उनकी पत्नी महजबीन ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से अशोक चक्र पुरस्कार ग्रहण किया. पुरस्कार ग्रहण करते समय दो बच्चों की मां और शिक्षिका महजबीन की आंखें अश्रुपूरित थीं.
राष्ट्रीय राइफल्स की 34वीं बटालियन से जुड़े वानी आतंकवाद छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए थे. वह दो आतंकवादियों का सफाया करने के बाद पिछले साल 25 नवंबर को कश्मीर घाटी में बटगुंड के पास हीरापुर गांव में मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे.
वानी द्वारा मारे जाने वालों में लश्कर-ए-तैयबा का जिला कमांडर और एक विदेशी आतंकवादी शामिल था. उसके बाद उन्हें कई गोलियां लगीं, उनके सिर में भी गोली लगी. दम तोड़ने से पहले उन्होंने एक अन्य आतंकवादी को भी घायल कर दिया. वानी 2004 में सेना में शामिल हुए थे.
उन्हें 2007 और 2018 में दो बार वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया. उन्हें 2018 सेना मेडल एक आतंकवादी को बहुत करीब से मारने के लिए दिया गया था. जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम जिले के चेकी अश्मूजी के निवासी वानी के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं.