जम्मू एयरबेस पर हुए ड्रोन (Drone) आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ सामने आया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन हमलों की साजिश पाक स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-E-Taiba) ने रची थी. जम्मू एयरबेस के तकनीकी क्षेत्र में ड्रोन से आरडीएक्स (RDX) गिरा भारी तबाही मचाने की कोशिश हुई थी. इस बात की प्रबल संभावना है कि आतंकी हमले में इस्तेमाल में लाए गए ड्रोन पाकिस्तान (Pakistan) सीमा पार से आए हों, जिसकी जांच की जा रही है. यह खुलासा जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को किया है. गौरतलब है कि शुरुआती स्तर से ही इस आतंकी हमले में पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन का ही हाथ लग रहा था.
पाकिस्तान का निकला आईईडी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले की रात जांच में एक रेडीमेड आईईडी मिली थी, जो पाकिस्तान से आई थी. इसे जम्मू एयरबेस तक ड्रोन से लाया गया था. हमले के बाद प्रारंभिक जांच में सामने आया कि लश्कर-ए-तैयबा ने संवेदनशील भारतीय प्रतिष्ठानों पर हमला करने की साजिश रची थी. लश्कर पहले भी इस तरह की आतंकी वारदातों को अंजाम देता आया है. पहले भी लश्कर ने ड्रोन का इस्तेमाल कर भारतीय सीमा पार कर हथियार और विस्फोटक पहुंचाने की कोशिश की थी. आगे की जांच में यह देखना बाकी है कि ड्रोन पाकिस्तान की सीमा पार कर भारत में आए थे या सीमा के इस तरफ से ड्रोन को ऑपरेट किया गया.
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चीन-पाकिस्तान की दुरभिसंधि
भारत में पहली बार किसी आतंकी हमले में ड्रोन के इस्तेमाल से भारतीय खुफिया और सुरक्षा संस्थाएं चिंतिंत हो गई हैं. आगे ऐसी आतंकी घटना को रोका जा सके, इसके लिए व्यापक दिशा-निर्देश दे सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है. गौरतलब है कि जम्मू एयरबेस पर हमले के तुरंत बाद ही खुफिया संस्थाओं ने शक जता दिया था कि ड्रोन हमला पाक परस्त आतंकी समूहों की देन हो सकता है. इसकी एक बड़ी वजह सूचना का वह इनपुट था, जो बताता था कि बीते साल पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी समूहों को चीन से अत्याधुनिक ड्रोन मिले थे. यह ड्रोन रात में रडार से बच न सिर्फ लंबी दूरी तय कर सकते हैं, बल्कि भारी पे-लोड उठाने में भी सक्षम हैं.
HIGHLIGHTS
- जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का खुलासा
- लश्कर-ए-तैयबा ने आरडीएक्स गिराया ड्रोन के जरिये
- सुरक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा