अकाल पीड़ितों की मदद में नियम-व्रत छोड़ा, लताजी ने उपवास में गाए 26 गाने

लता मंगेशकर ने उस चैरिटी कंसर्ट में भूखे पेट रहते हुए 26 गाने गाए थे. उपवास पर होने के कारण उन्होंने तब पूरे दिन कुछ भी नहीं खाया था. 26 नवंबर 1987 को हुए इस शो को देखने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी भी टिकट खरीदकर पहुंचे थे.

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Keshav Kumar
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अकाल पीड़ितों की मदद में लता दीदी का शो( Photo Credit : news nation)

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भारत रत्न सुर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में 06 फरवरी को निधन हो गया. गायिकी के क्षेत्र में उनके प्रोफेशनलिज्म की हर ओर तारीफ होती है. उनके निजी जीवन में भी नियम-व्रत के पक्के होने की भी कई मिसाल लोगों के सामने है. इससे अलग उनका एक रूप अकाल पीड़ितों की मदद में नियम व्रत छोड़ने और उपवास के दौरान 26 गाना गाने के तौर पर सामने आया है. राजस्थान की संस्कृति और भाषा से उनके लगाव और प्यार का अंदाजा इससे लग सकता है कि अकाल पीड़ितों की मदद के लिए एसएमएस स्टेडियम, जयपुर में मुफ्त शो किया था. उन्होंने शो की फीस लेने के बजाय उल्टे अपनी तरफ से अकाल पीड़ितों के लिए सहयोग भी दिए थे.

लता मंगेशकर ने उस चैरिटी कंसर्ट में भूखे पेट रहते हुए 26 गाने गाए थे. उपवास पर होने के कारण उन्होंने तब पूरे दिन कुछ भी नहीं खाया था. 26 नवंबर 1987 को हुए इस शो को देखने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी भी टिकट खरीदकर पहुंचे थे. शो से हुई एक करोड़ एक लाख रुपए की कमाई का चेक उन्होंने सीएम जोशी को अकाल पीड़ितों के लिए भेंट किया था.

26 नवंबर 1987 को हुआ था ऐतिहासिक शो

दरअसर, साल 1987 के दौरान राजस्थान में लगातार अकाल पड़ रहा था. सुर संगम संस्था ने जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में अकाल पीड़ितों की मदद के लिए शो रखा. संस्था के आग्रह पर लता मंगेशकर ने बिना फीस लिए प्रोग्राम करना स्वीकार कर लिया. उस प्रोग्राम में सभी कलाकारों ने मुफ्त परफॉर्म किया था. उस समय लता जी चार दिन तक राजस्थान दौरे पर रहीं. उन्होंने ज्यादातर वक्त जयपुर में बिताया था. वे अजमेर भी गई थीं. लता मंगेशकर अकाल पीड़ितों के लिए शो करने 24 नवंबर 1987 को जयपुर पहुंचीं थीं और 26 नवंबर 1987 को शो किया था.

उपवास में बिना आराम किए गाए 26 गाने

सुर संगम संस्था के अध्यक्ष रहे केसी मालू ने बताया कि अकाल पीड़ितों की मदद के लिए जयपुर में लता दीदी का शो हमेशा यादों में रहेगा. लताजी चार दिन जयपुर में रहीं थी. उस दौरान वे गुरुवार का उपवास रखती थीं. उनका नियम था कि उपवास के दिन नहीं गाती थीं. साथ ही एक नियम और था कि वे एक बार में एक गाना ही गाती थीं. फिर रेस्ट के बाद दूसरा गाना गाती थीं. एसएमएस स्टेडियम जयपुर के शो में अकाल पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने पहली बार दोनों नियम तोड़े. उपवास के बावजूद उन्होंने बिना आराम लिए एक साथ 26 गाने गाए.

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जयपुर के ऑडियंस के लिए बेंचमार्क बयान

केसी मालू ने बताया कि एसएमएस स्टेडियम में हुए उस शो में 40 हजार दर्शक टिकट लेकर जुटे थे. लता मंगेशकर की परफॉर्मेंस के वक्त बिल्कुल पिन ड्रॉप साइलेंस की स्थिति थी. जयपुर के दर्शकों का अनुशासन देखकर लता मंगेशकर ने कहा था कि जयपुर की ऑडियंस वर्ल्ड क्लास है. जयपुर में उसके बाद भी होने वाले दूसरे गायकों के शो में दर्शकों से इस बेंचमार्क बयान का हवाला देकर अनुशासन बनाए रखने की अपील की जाती रहती है.

HIGHLIGHTS

  • भारत रत्न सुर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में 06 फरवरी को निधन
  • अकाल पीड़ितों की मदद में नियम-व्रत छोड़कर लता दीदी ने उपवास में गाए 26 गाने 
  • शो के लिए राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी भी टिकट खरीदकर पहुंचे थे
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