लॉ कमिशन ने सिफारिश की है कि मौत की सजा को खत्म कर दिया जाए। हालंकि सिफारिश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि आतंकवाद के मुद्दे को लेकर यह सजा जारी रहेगी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने इस बात की जानकारी राज्यसभा में दी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि भारतीय लॉ कमिश्न ने अपने 262वें रिपोर्ट में कहा है कि किसी भी क्राइम के लिए मौत की सजा को हटा दिया जाए। लेकिन आतंकवाद के मामलों में यह बरकरार रखा जाए।
एक लिखित सवाल के जवाब में हंसराज ने कहा कि जैसा कि आपराधिक कानून और आपराधिक प्रक्रिया संविधान की 7 वीं अनुसूची की समवर्ती सूची में हैं, उसकी रिपोर्ट सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास उनकी राय जानने के लिए भेज दी गई है।
साल 2015 में 20वें विधि आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि आतंकवाद को छोड़कर बाकी अपराधों में फांसी की सजा खत्म कर दी जाए। हालंकि इस रिपोर्ट को नौ सदस्यीय विधि आयोग ने दी थी लेकिन इस सिफारिश से सभी सदस्य सर्वसम्मत नहीं थे।
रिपोर्ट को लेकर आयोग के एक पूर्णकालिक सदस्य और दो सरकारी प्रतिनिधियों ने इससे असहमति जताई थी और मौत की सजा को बरकरार रखने का समर्थन किया था।
इसे भी पढ़ेंः तीन तलाक के मुद्दे पर विधि आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगी राय
अपनी अंतिम रिपोर्ट में विधि आयोग ने कहा था कि इस बात पर चर्चा करने की आवश्यकता है कि कैसे बेहद निकट भविष्य में जल्द से जल्द सभी क्षेत्रों में मौत की सजा को खत्म किया जाए।
इसे भी पढ़ेंः BCCI को आरटीआई के दायरे में लाने पर लॉ कमिशन कर रहा है विचार
Source : News Nation Bureau