राहुल गांधी के खास रहे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस पिछले 10 साल में अपने 90% चुनाव हारी है. ऐसे में विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं हो सकता. इससे पहले ममता बनर्जी कांग्रेस पर विपक्षी के प्रतिधित्व को लेकर हमला कर चुकी हैं. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस मजबूत विपक्ष के लिए जिस विचार और विस्तार का प्रतिनिधित्व करती है, वह अहम है. लेकिन विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं है, जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90% चुनाव हारती हो. लोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी नेतृत्व को तय करने दें.
The IDEA and SPACE that #Congress represents is vital for a strong opposition. But Congress’ leadership is not the DIVINE RIGHT of an individual especially, when the party has lost more than 90% elections in last 10 years.
Let opposition leadership be decided Democratically.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 2, 2021
यह भी पढ़ेंः कांग्रेस-टीएमसी में जुबानी जंग, अधीर ने आपा खोया... बोले पागलपन है
ममता और कांग्रेस में जारी है तकरार
अगले लोकसभा चुनाव को लेकर ममता बनर्जी ने ताल ठोक की है. शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष की एकजुटता को लेकर कांग्रेस की बैठक में शामिल ना होकर उन्होंने सख्त संदेश दिया. इससे पहले अपने दिल्ली दौरे पर सोनिया गांधी से मुलाकात ना करने पर भी उन्होंने कहा कि हर सोनिया गांधी से हर बार मिलना जरूरी नहीं है. दरअसल ममता बनर्जी विपक्षी खेमे का प्रतिनित्व करने के लिए अलग-अलग पार्टियों से संपर्क कर रही हैं. ममता बनर्जी ने मुंबई में शिवसेना और एनसीपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. ममता ने इस बैठक के बाद कहा कि बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय विकल्प तभी बन सकता है जब पार्टियां लड़ने को तैयार हों. विकल्प मजबूत होना चाहिए. यह अकेले नहीं किया जा सकता है.
यह भी पढ़ेंः प्रदूषण के बीच स्कूल खोलने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पूछा-कहां हैं 1000 CNG बसें
ममता बनर्जी ने यूपीए को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अब यूपीए नहीं है. इस बयान से कांग्रेस आगबबूला हो गई है. इस बयान के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, दिग्विजय सिंह, कपिल सिब्बल, मल्लिकार्जुन खड़गे ने ममता बनर्जी और टीएमसी पर निशाना साधा. अधीर रंजन चौधरी तो ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच सांठगांठ का आरोप भी लगाने में पीछे नहीं रहे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने एनआरसी पर अपना रुख बदला, यह चुनाव के साथ समाप्त हुआ. एनआरसी का डर दिखाकर वे चुनाव में फायदा उठाना चाहते थे इसलिए ममता बनर्जी जो कुछ भी कहती हैं, बीजेपी उससे सहमत है. बीजेपी को खुश रखने के लिए आज ममता बनर्जी का रुख 'मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा' वाला है. उन्होंने यह भी कहा कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता यूपीए क्या है? ममता बनर्जी को लगता है कि पूरा भारत ममता-ममता करना शुरू कर चुका है. भारत का मतलब बंगाल नहीं है और बंगाल का मतलब भारत नहीं है. बंगाल में ममता बनर्जी और भाजपा ने जो सांप्रदायिक खेल खेला था, वह अब उजागर हो रहा है.
Source : News Nation Bureau