लॉकडाउन के चलते मुश्किलों का सामना कर रहा समलैंगिक समुदाय

एक समलैंगिक ने कहा कि हम में से कुछ के पास को दवा खरीदने के लिये भी पैसे नहीं हैं, हमारे कई बुजुर्ग हैं जो बीमार हैं और एचआईवी से संक्रमित हैं.

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
Corona

सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये लागू लॉकडाउन के चलते बेंगलुरू में हाशिये पर खड़ा समलैंगिक समुदाय बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में भी मुश्किलों का सामना कर रहा है. समलैंगिक समुदाय के एक बड़े हिस्से का गुजारा भीख मांगकर चलता है, लेकिन लोगों के सड़कों से नदारद होने और दुकान बंद होने से समुदाय के अधिकतर लोगों के पास पैसा नहीं बचा है. एक समलैंगिक ने कहा, ''हमें एक समय के भोजन का इंतजाम करने में भी दिक्कतें हो रही हैं. कोई हमारी मदद करने के लिये आगे नहीं आ रहा.''

ये भी पढ़ें- IOA ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक मदद का किया वादा

एक वक्त के खाने को तरस रहे समलैंगिक

जब उनसे कहा गया कि सरकार मजदूरों और अन्य जरूरतमंदों की मदद कर रही है तो एक अन्य समलैंगिक ने कहा, ''हमारी गलती क्या है? हालात यह हैं कि हम बाहर जाकर पैसा या खाना भी नहीं मांग सकते...कम से कम हमें खाना तो मुहैया कराया जाए.''

दवा खरीदने के लिए भी नहीं है पैसे

एक समलैंगिक ने कहा कि हम में से कुछ के पास को दवा खरीदने के लिये भी पैसे नहीं हैं, हमारे कई बुजुर्ग हैं जो बीमार हैं और एचआईवी से संक्रमित हैं. हालांकि समलैंगिकों के अधिकारों के लिये काम कर रहे 'ओनडेडे' जैसे संगठन समुदाय के शुभचिंतकों के साथ मिलकर उन्हें घर पर ही किराने का सामान मुहैया करा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस की वजह से पाकिस्तान के इस महान खिलाड़ी की हुई मौत, लंदन में ली आखिरी सांस

ओनडेडे की प्रमुख अक्काई पद्मशाली की मांग है कि जबतक हालात ठीक नहीं हो जाते तब तक सरकार को समलैंगिक समुदाय और अन्य संवेदनशील तबकों की मदद करने चाहिये ताकि वे एक-दो महीने तक अपना गुजारा कर सकें.

Source : Bhasha

coronavirus lockdown lgbt LGBTQ+ का मतलब lockdown in bengaluru
Advertisment
Advertisment
Advertisment