Spurious drugs: केंद्र सरकार ने भारत में नकली या खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के निर्माण को लेकर 70 से ज्यादा दवा निर्माताओं पर कार्रवाई की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई फार्मा कंपनियों पर कार्रवाई की गई है. पहले चरण में देश की 76 दवा कंपनियों पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) का निरीक्षण हुआ. इसके बाद 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की संयुक्त टीम की ओर से यह बड़ी कार्रवाई की गई है.
इसके साथ 3 फार्मा कंपनी के प्रोडक्ट परमिशन को भी बंद किया गया है. वहीं 26 फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. निरीक्षण को लेकर कुल 203 फार्मा कंपनियों की पहचान की गई. रिपोर्ट के अनुसार, देश के 20 राज्यों में डीसीजीआई की यह कार्रवाई 15 दिनों से जारी है. आगे भी सिलसिला जारी रहेगा.
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ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार का यह कदम उज़्बेकिस्तान, गाम्बिया और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत भारतीय दवाओं के आयातकों द्वारा लगाए गए आरोपों से प्रेरित है. बीते वर्ष अक्टूबर की शुरुआत से भारत नकली गुणवत्ता वाली दवाओं के निर्यात का सामना कर रहा है. इससे दुनिया के सामने दशकों पुरानी प्रतिष्ठा दांव पर लग रही है.
इन राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेशों में कार्रवाई की गई है. इनके नाम हैं आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मूद कश्मीर, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पुद्दुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु और तेलंगाना.
गौरतलब है कि बीते 21 मार्च को भारत में तैयार कफ सीरप के सेवन के कारण उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों मौत हो गई. इस मामले के बाद उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के ड्रग लाइसेंस को रद्द करने का आदेश दिया था.
Source : News Nation Bureau