#Year end 2017: इस साल मोदी सरकार ने इन 5 बड़े फैसलों को दी मंज़ूरी

मोदी सरकार का कार्यकाल नई योजना बनाने के लिए भी याद किया जाएगा। तो आइए एक नज़र डालते हैं मोदी सरकार के उन महत्वपूर्ण फ़ैसलों पर जो साल 2017 में लाया गया।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
#Year end 2017: इस साल मोदी सरकार ने इन 5 बड़े फैसलों को दी मंज़ूरी

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

Advertisment

मोदी सरकार के तैंतालीस महीने पूरे हो गए हैं। अब तक मोदी सरकार ने नोटबंदी, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, कौशल विकास योजना, जीएसटी और रेरा (रियल स्टेट रेगुलेटरी ऐक्ट) जैसे कई महत्वपूर्ण क़ानून लाए हैं।

इसके अलावा सरकार जल्द ही तीन तलाक़ पर भी क़ानून लाने जा रही है। मोदी सरकार का कार्यकाल नई योजना बनाने के लिए भी याद किया जाएगा। तो आइए एक नज़र डालते हैं मोदी सरकार के उन महत्वपूर्ण फ़ैसलों पर जो साल 2017 में लाया गया।

1. जीएसटी- आजादी के बाद से 70वें साल में भारत में सबसे बड़ा आर्थिक सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया है, जिसने देश की संघीय प्रणाली में एकीकृत बाजार को पैदा किया है।

जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) है। यह केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लाया गया है।

नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था, जो भारतीय बाजार को एकीकृत करती है। उसमें चार स्लैब - पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी शामिल हैं।

ये भी पढ़ें- PETA ने अनुष्का शर्मा को दिया 'पर्सन ऑफ द ईयर' खिताब

इसमें एक नई सुविधा इनपुट टैक्स क्रेडिट की दी गई है, जहां वस्तु एवं सेवा प्रदाता को इस्तेमाल किए गए सामानों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलता है। जिससे कर की वास्तविक दर कम हो जाती है।

साल की दूसरी छमाही में सर्वोच्च संघीय संस्था जीएसटी परिषद द्वारा करों की चार दरों की संरचना का बड़े पैमाने पर पुनर्मूल्यांकन किया गया, जिसमें 1,200 सामानों में से 50 को शीर्ष 28 फीसदी कर की सूची में रखा गया। इसमें वे सामान शामिल हैं, जिन्हें लक्जरी श्रेणी की वस्तुएं मानी जाती हैं।

पिछले महीने हुई परिषद की बैठक में कई उपभोक्ता सामानों पर जीएसटी कर में कटौती की गई, जिसमें चॉकलेट, च्यूइंग गम, शैम्पू, डियोडरेंट, शू पॉलिश, डिटरजेंट, न्यूट्रिशन ड्रिंक्स, मार्बल और कॉस्मेटिक्स शामिल हैं। जबकि वाशिंग मशीन और एयर कंडीशनर जैसे लक्जरी सामानों को 28 फीसदी जीएसटी स्लैब में शामिल किया गया है।

तेल और गैस समेत पेट्रोलियम पदार्थो को अभी भी जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है, जबकि उद्योग जगत इसे जीएसटी में रखने की मांग कर रहा है, ताकि वह इन पर भी इनपुट क्रेडिट का लाभ उठा सके।

वहीं, रियल एस्टेट क्षेत्र को भी जीएसटी के अंतर्गत रखने का मुद्दा लंबे समय से जीएसटी परिषद के पास लंबित है।

#YearEnd 2017: विरुष्का के नाम हुआ रिकॉर्ड, अनुष्का का शादी वाला ट्वीट बना 'गोल्डन ट्वीट'

2. तीन तलाक़- मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक , 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है।

यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण व बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।

तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाले विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने विधेयक का विरोध किया और इस पेश किए जाने पर आपत्ति जताई।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है।

विधेयक को ध्वनि मत के बाद पेश किया गया। सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने विधेयक पेश किए जाने का समर्थन किया।

#VirushkaReception: विरुष्का' की ग्रैंड एंट्री, धोनी-माधुरी जैसे सितारों से सजा रिसेप्शन

3. रेरा(रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट)- आए दिन मकान खरीददारों की शिकायत रहती थी कि उनकी हितों की रक्षा के लिए कोई क़ानून नहीं है। जिसके बाद साल 2016 में संसद में रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 अर्थात रेरा पास हुआ। हालांकि पूरे देश में रेरा क़ानून की सभी 92 धाराएं 1 मई 2017 से लागू किया गया है।

इस क़ानून के मुताबिक देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी।

माना जा रहा है कि रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट लागू होने से बिल्डर माफियाओं पर नकेल कसा जा सकेगा।

इस नए एक्ट के तहत सभी बिल्डर को अपने प्रोजेक्ट का पंजीकरण कराना होगा, इसके साथ ही प्रोजेक्ट पूरा करने की टाइमलाइन भी बतानी होगी। इस प्रोजेक्ट में बिल्डर और एजेंट दोनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।

#YearEnd2017: 22 साल के युवक की गलती से रुका था पूरी दुनिया को खतरे में डालने वाला 'रैनसमवेयर'

4. प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र- ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए केंद्र सरकार ने देश के 115 अति पिछड़े जिलों में प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र को मंजूरी दी है।

इन केंद्रों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, ट्रेनिंग और सामुदायिक भागीदारी के ज़रिए क्षमता विकास पर ज़ोर दिया जाएगा। दूरदराज के इलाकों में जागरूकता फैलाने के लिए लगभग 3 लाख छात्रों की मदद ली जाएगी।

कैबिनेट समिति द्वारा बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना को विस्तार दिया गया है, 161 जिलों में ही चल रही इस योजना की सकारात्मक रिपोर्ट्स के बाद अब ये देश के सभी 640 जिलों में लागू होगी। शुरुआत उन ज़िलों से होगी जहां शिशु लिंगानुपात दर काफी कम है।

हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए 150 से ज्यादा जिलों में 'वन स्टॉप सेंटर्स' खोले जाएंगे। जिन्हें महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा । महिला पुलिस वॉलंटियर्स की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा कामकाजी महिलाओं के लिए 190 वर्किंग विमिन हॉस्टल्स बनाए जाएंगे।

इन योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक वित्तीय खर्च लगभग 3600 करोड़ रुपये (3636.85 करोड़ ) रखा गया है।

#YearEnd 2017: सिल्क को पर्दे पर लाने वाले विनु चक्रवर्ती के साथ इन हस्तियों ने दुनिया को कहा अलविदा

5. सहज बिजली योजना- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2017 को 'सहज बिजली हर घर योजना' या 'सौभाग्य योजना' की घोषणा की। यह योजना प्रत्येक घर को बिजली उपलब्ध कराएगी। इस भवन का नाम भारतीय जनता पार्टी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है।

इस योजना के तहत सरकार चार करोड़ ग्रामीण परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देगी, ताकि गरीबों के घरों में भी बिजली की रोशनी उपलब्ध हो सके। इस योजना का लक्ष्य 31 मार्च, 2019 तक देश के सभी घरों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराना है।

मोदी ने कहा कि इस निर्णय के क्रियान्वयन पर 16,320 करोड़ रुपये लागत आएगी, जिसका बोझ गरीबों पर नहीं डाला जाएगा।

और पढ़ें: #YearEnd 2017: बॉलीवुड की इन दिग्गज हस्तियों ने इस साल दुनिया को कहा अलविदा

Source : News Nation Bureau

PM modi BJP Government GST government schemes Triple Talaq RERA
Advertisment
Advertisment
Advertisment