न्यूज नेशन पर रात नौ बजे समय होता 'खोज खबर' का, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया साथ देखें सबसे बड़ी बहस में 'टेस्ट पर बहाना डर गया मौलाना', मुद्दे पर चैनल पर आए मेहमानों के साथ चर्चा करेंगे. इस बहस में आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा, तबलीगी जमात के सदस्य मुजीबुर्र रहमान, सामाजिक कार्यकर्ता बिलाल खान, बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली, इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी और इस्लामिक स्कॉलर सुबुही खान ने हिस्सा लिया है.
इस टीवी डिबेट में तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के फरार होने पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने तबलीगी जमात के सदस्य मुजीबुर्र रहमान से सवाल दागा कि आखिर जब क्वारंटीन का समय पूरा हो गया तो फिर अब मौलाना क्यों सामने नहीं आ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना बम फैलाने के बाद अब छुप-छुप कर ऑडियो टेप से मैसेज भेज रहे हैं. उन्हें चाहिए कि वो अपने देशवासियों से अपनी गलती के लिए माफी मांगे. अगर मौलाना साद को किसी बात का डर नहीं है तो फिर वो सामने क्यों नहीं आते हैं और देश की जनता से माफी क्यों नहीं मांगते?
इस सवाल के जवाब में तबीलीग जमात के सदस्य मुजीबुर्र रहमान ने मौलाना को डिफेंड करते हुए जवाब दिया कि, मौलाना साद माफी नहीं मांगेंगे, माफी वो मांगता है जो मुजरिम होता है. आपको दावा है कि देश में 30 फीसदी कोरोना मौलाना साद और तबलीगी जमात के लोगों ने फैलाया है तो मैं आपसे ये पूछना चाहूंगा कि देश में बाकी 70 प्रतिशत कोरोना फैलाने वालों का जिम्मेदार कौन है? अगर आप ये कहते हैं कि कोरोना फैलाने के जिम्मेदार सिर्फ मौलाना साद हैं तो ये सरासर गलत और बेबुनियाद आरोप हैं. आप और मामलों पर नजर नहीं डालते कोरोना वायरस के संक्रमण पर जैसे वो पिज्जा डिलीवरी वाला उसने कितने परिवारों को कोरोना बांट दिया? देखें इस वीडियो में
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मुजीबुर्र रहमान के इन सवालों पर इस्लामिक स्कॉलर वजाहत कासमी ने जवाब देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस को चाहिए कि जल्दी से जल्दी ही तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद को गिरफ्तार करे ताकि वो और लोगों को बरगला कर ऐसी जाहिलियत वाला काम न करवा सके. उन्होंने आगे कहा कि अभी भी मेवात और सांवली में कुछ जगहों पर मौलाना साद के अनुयायी मस्जिदों में छिपे हुए हैं और पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहे हैं. ऐसे लोगों पर सरकार कब एक्शन लेगी मैं वहां के स्थानीय बीजेपी नेताओं से इस बारे में बात करूंगा कि अगर इस इलाके को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाना है तो जल्दी से जल्दी इन सब को क्वारेंटीन करें और सबकी जांच भी करवाई जाए. देखें इस वीडियो में.
वजाहत कासमी यहीं पर चुप नहीं हुए उन्होंने तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद पर हमला बोलते हुए कहा कि मौलाना साद और उनके अनुयायी देश के लिए नासूर बन चुके हैं. इन जैसे लोगों को देश में रहने का कोई हक नही है. उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मुसलमानों को पीएम मोदी पर फक्र होना चाहिए क्योंकि वो देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री जो मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक नहीं समझते हैं बल्कि उनके विकास के बारे में भी सोचते हैं.
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वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने मौलाना साद पर हमले से बचते हुए उन पर कार्रवायी की बात कही. आप विधायक ने कहा मौलाना साद को सजा देना किसका काम है. आखिर में केंद्र सरकार क्या कर रही है उसे मौलाना को अब तक ढूंढ निकालना चाहिए था. दिल्ली सरकार तो लगातार कह रही है कि तबलीगी जमात द्वारा देश में कोरोना वायरस का संक्रमण करने वाला मौलाना साद दोषी है. यह बात मैं कहता हूं आम आदमी पार्टी कहती है और देश का गृहमंत्रालय भी कहता है. मौलाना साद ने जो कुछ भी किया उसे पूरा देश जान रहा है. वहीं इस पर बीजेपी नेता राजीव जेटली ने कहा कि मौलाना साद और उसके अनुयायी जल्दी ही सलाखों के पीछे होंगे. जमात के लोगों को देश की पुलिस ढूंढ - ढूंढ कर निकाल रही है और उन्हें क्वारेंटीन कर रही है. जेटली ने आगे कहा कि जब पुलिस इन्हें पकड़ने जाती है तो ये मस्जिदों और घरों की छतों से पत्थरबाजी करते हैं.
वहीं इस्लामिक स्कॉलर सुबुही खान ने भी मौलाना साद पर हमला बोलते हुए कहा कि, मौलाना साद जैसे लोग क्राइम भी करेंगे गलतियां भी करेंगे और फिर विक्टिम भी बने रहेंगे. सुबुही खान ने आगे कहा कि मदरसे बच्चों की तालीम के लिए होते हैं मौलाना साद जैसे लोगों के गुनाहों के लिए नहीं होते हैं. मुजीबुर्र रहमान जी आप किसी इस्लामिक स्टेट में नहीं बैठे यह एक लोकतांत्रिक देश और मीडिया इस देश का चौथा स्तंभ है. मुस्लिम समाज के सभी लोग मौलाना साद की गिरफ्तारी की मांग नहीं कर रहे हैं. मौलाना साद भगोड़े हैं अपराधी हैं और देश को बीमार करने वाले वायरस भी हैं.