असम में नागरिक रजिस्टर संशोधन बिल 2016 (NRC) के विरोध में आज 46 संगठनों ने 12 घंटे का बंद बुलाया है जिसका काफी असर दिख रहा है. बंद के दौरान कोई हिंसा न हो इसके लिए गुवाहाटी समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. इतना ही नहीं कई इलाकों में किसी भी तरह के अनहोनी को रोकने के लिए पारा मिलेट्री फोर्स की भी तैनाती की गई है. गौरतलब है कि असम में भारतीय नागरिकों की जो सूची बनाई गई है उससे करीब 40 लाख लोग बाहर हैं जिसकों लेकर देश में राजनीति तेज हैं. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया था कि जिन लोगों को नाम इस रजिस्टर में छूट गया है उन्हें फिर से अपनी आपत्ति दर्ज कराने का पूरा मौका दिया जाएगा.
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असम में 40 लाख लोगों की तकदीर तय करने के लिए नागरिक रजिस्टर के मसौदे को लेकर दावों और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो चुकी है. इस मसौदा पंजी में 40 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था और उसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 2.9 करोड़ लोगों को जगह मिली थी.
एनआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि दावे और आपत्ति प्रक्रिया 23 नवंबर तक जारी रहेगी तथा 2500 केंद्रों पर फार्म उपलब्ध होंगे जहां लोग अपने संबंधित क्षेत्रों में अपनी अपील दायर कर सकते हैं.
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अधिकारी ने बताया कि लोग मसौदे में अपने नामों में सुधार के लिए आवेदन दे सकते हैं. वे संदिग्ध विदेशी के खिलाफ आपत्ति भी कर सकते हैं. राजनीतिक दलों और कई संगठनों ने दावे फाइल करने में लोगों की मदद के लिए केंद्र स्थापित किये हैं.
प्रशासन ने 15 दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों के नाम मसौदा सूची में शामिल किये थे. हाल ही में एनआरसी के प्रदेश संयोजक प्रतीक हाजेला ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि पांच दस्तावेजों पर अंतिम सूची के लिए विचार नहीं किया जाना चाहिए.
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उनमें 1951 की एनआरसी, 1971 से पहले की मतदातासूची, नागरिकता प्रमाणपत्र, शरणार्थी पंजीकरण प्रमाणपत्र और राशन कार्ड शामिल हैं. एनआरसी अद्यतन पर नजर रख रही शीर्ष अदालत हाजेला के अनुरोध पर 23 अक्तूबर को आदेश देगी.
Source : News Nation Bureau