कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पहली पसंद बनकर उभरे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस पद के लिए अप्रत्यक्ष रूप से अपनी दावेदारी छोड़ दी है. मामला तब साफ हो गया, जब दिल्ली में ठहरे पायलट ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से शांति बरतने की अपील की और कहा कि वह पार्टी द्वारा लिए किसी भी निर्णय का 'स्वागत' करेंगे. कांग्रेस की तरफ से आज राजस्थान के मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर अशोक गहलोत के नाम का
ऐलान कर सकती है.
पायलट ने ट्विटर पर अपील की, जिसके बाद यह रिपोर्ट सामने आई कि वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिया है. पायलट के समर्थक जबकि मांग कर रहे हैं कि उन्हें हीं मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.
दो बार के मुख्यमंत्री गहलोत के नाम की घोषणा पार्टी की ओर से किए जाने की उम्मीद है. गहलोत और पायलट ने राहुल गांधी से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की थी, जहां उनकी मां और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं.
माना जा रहा है कि सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को 'अनुभव' पर भरोसा करने के लिए कहा है, क्योंकि यहां जीत काफी कम अंतर से मिली है और एक मंजा हुआ राजनेता ही उस स्थिति से अच्छी तरह निपट सकता है.
सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को बसपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी, जिन्होंने 13 सीटें जीती हैं. इनमें से ज्यादातर कांग्रेस के बागी हैं.
पायलट ने पार्टी को 2013 की हार से उबारकर जीत दिलाने के आधार पर अपनी दावेदारी पेश की थी.
वहीं जयपुर जाने की योजना बना रहे गहलोत को दिल्ली में ही रहने के लिए कहा गया है. गहलोत ने भी कार्यकर्ताओं से शांति बरतने की अपील की है और कहा है कि नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को स्वीकार किया जाएगा.
Source : IANS