हैदराबाद में 11 साल पहले 18 मई 2007 को हुए मक्का मस्जिद हमले के मामले में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
नामपल्ली में एनआईए की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद सोमवार को फैसला सुनाया। इस मामले में 10 आरोपियों में से 5 की हमले में संलिप्तता पर फैसला सुनाया गया।
कोर्ट के फैसले पर एनआईए ने कहा, 'हम फैसले की एक कॉपी देखने के बाद उसकी जांच करेंगे और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई पर निर्णय किया जाएगा।'
LIVE अपडेट्स:
# बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'बीजेपी कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी। हम भारतीय न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं करते हैं। यह स्वतंत्र संस्था है। 2जी फैसले पर कांग्रेस के लिए कोर्ट सही था लेकिन आज उसे गलत बता रही है।'
BJP does not comment on the judgement of the court. We don't comment on working of the Indian judiciary. It's an independent body. Congress said the court was right at the time of #2GVerdict but labelling it wrong today: Sambit Patra, BJP on #MeccaMasjidVerdict pic.twitter.com/rzWfEWjzuM
— ANI (@ANI) April 16, 2018
# एनआईए को बहरा और अंधा तोता बताते हुए ओवैसी ने कहा, एनआईए और मोदी सरकार ने आरोपी को जमानत दिए जाने के बाद 90 दिनों के अंदर अपील भी नहीं की थी। यह आंतक से लड़ने के खिलाफ हमारे संकल्प को कमजोर करेगा।
# असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, जून 2014 के बाद से अधिकतर गवाह पलट गए। एनआईए ने मामले की कार्रवाई को आशा के अनुरूप आगे नहीं बढ़ाई या राजनीतिक मास्टर्स के द्वारा नहीं करने दिया गया। अगर इस तरह के पक्षपात लगातार होते रहे तो न्याय नहीं मिल पाएगा।
# फैसले पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, 'यह सरकार पर है कि फैसले की जांच करे और अगर आगे अपील की जरूरत हो तो निर्णय ले। न्यायिक मामला होने के कारण मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।'
It is now up to the Govt to examine order and decide if a further appeal is required. As it is a judicial matter I would not like to comment on it: Ashok Gehlot, Congress on #MeccaMasjidVerdict pic.twitter.com/Fkqr6M3udJ
— ANI (@ANI) April 16, 2018
# आरवीएस मणि ने कहा, 'जिन लोगों ने हमले को अंजाम दिया उन्हें एनआईए का दुरुपयोग कर बचाया गया, ऐसा ही लग रहा है। जो पीड़ित हुए और जिनकी छवि खराब हुई उन्हें कैसे हर्जाना दिया जाएगा। क्या कांग्रेस या कोई और जिन्होंने इसे प्रचारित किया, वो हर्जाना देंगे?'
# कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने कहा, 'मैंने ऐसे फैसले की आशा की थी। सभी प्रमाण मनगढ़ंत थे नहीं तो इसमें कोई हिंदू आतंक का एंगल नहीं था।'
I had expected it. All the pieces of evidence were engineered, otherwise, there was no Hindu terror angle: RVS Mani, former Under Secretary, Ministry of Home Affairs on all accused in Mecca Masjid blast case acquitted pic.twitter.com/d8lDnqE5cG
— ANI (@ANI) April 16, 2018
इससे पहले भी अजमेर बलास्ट में असीमानंद को बरी कर दिया गया था।
हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित मक्का मस्जिद पर शुक्रवार (जुम्मा) के दिन हमला हुआ था, जिसमें 58 लोग घायल हुए थे।
एनआईए ने 2011 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से इस केस को अपने हाथ में लिया था जिसके बाद हिंदूवादी संगठनों के 10 लोगों के नाम आरोपी के रूप में दर्ज किए गए थे।
हालांकि इसमें पांच लोगों को ही गिरफ्तार किया गया और उन पर सुनवाई हुई। गिरफ्तार आरोपियों में देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद, भारत मोहनलाल रतेश्वर और राजेंद्र चौधरी शामिल हैं।
दो अन्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कालसांगरा फरार हो गए और मध्य प्रदेश के एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की हत्या कर दी गई थी।
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HIGHLIGHTS
- 18 मई 2007 को हैदराबाद के मक्का मस्जिद पर हुआ था हमला
- इस हमले में दक्षिणपंथी संगठनों के 10 लोग आरोपी थे
- हमले में 9 लोग मारे गए थे और 60 के करीब घायल हुए थे
Source : News Nation Bureau