सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। अन्ना हजारे शुक्रवार को शहीद दिवस के मौके पर केंद्र सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे।
अन्ना हजारे का केंद्र सरकार पर आरोप है कि वह भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सशक्त लोकपाल के गठन और किसानों के मुद्दे पर अनदेखी कर रही है।
आंदोलन के दूसरे दिन अन्ना हजारे ने आंदोलन में जुड़ने वाले लोगों से जुड़ने के लिए शर्तें लगाते हुए कहा कि वो अपने मंच पर किसी राजनीतिक पार्टी या समूह को आने नहीं देंगे।
अन्ना ने कहा, 'जो भी इस आंदोलन में शामिल होंगे उन्हें हलफनामे पर हस्ताक्षर करना होगा कि वे किसा राजनीतिक पार्टी या समूह से नहीं जुड़ेंगे और न ही चुनाव लड़ेंगे। देश, समाज की सेवा करेंगे और अच्छा चरित्र बरकरार रखेंगे।'
साल 2011 के बाद एक फिर भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन शुरू करने वाले अन्ना ने शुक्रवार को कहा कि वह पिछले चार साल में किसानों के मुद्दे और लोकपाल के गठन के लिए प्रधानमंत्री को 43 पत्र लिख चुके हैं लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिल पाया।
उन्होंने रामलीला मैदान में जुटे लोगों से कहा, 'देश के किसान संकट में हैं, क्योंकि उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा और सरकार उचित मूल्य तय करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।'
पुलिस के अनुसार, अन्ना के आंदोलन में करीब 6000 लोगों ने भाग लिया। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश व असम से आए लोग शामिल थे। इसमें बड़ी संख्या में किसान भी शामिल रहे।
अन्ना हजारे की मांग:
- कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) को उचित मूल्य निर्धारण के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए। सीएसीपी 23 फसलों के लिए मूल्य तय करता है। वर्तमान में केंद्र सरकार सीएसीपी का नियंत्रण करती है और राज्यों द्वारा सुझाए गए उचित मूल्य में 30-35 फीसदी की कटौती करती है।
- अन्ना हजारे भ्रष्टाचार से निपटने के लिए केंद्र सरकार से लोकपाल के गठन और राज्यों में लोकायुक्त के गठन की मांग कर रहे हैं।
- इसके अलावा किसानों को उनके फसलों के उचित दाम दिलाने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू कराने की केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं।
- अन्ना हजारे चुनावों में सुधार की मांग भी केंद्र सरकार से कर रहे हैं। चुनावों में होने वाली धांधलियों को रोकने के लिए सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग है।
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Source : News Nation Bureau