पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के समापन समारोह में हिस्सा लेने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के मुख्यालय नागपुर पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने देश के युवाओं से आवाहन किया कि जाति, धर्म आदि के नाम पर ग़ुस्सा और हिंसा से दूर हटकर शांति की राह पर आगे बढ़ें।
उन्होंने देश के इतिहास का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में कई लोगों ने सैकड़ों सालों तक भारत पर शासन किया। इसके वाबजूद हमारी 5000 पुरानी सभ्यता को कोई भी विदेशी आक्रमणकारी और शासक खत्म नहीं कर पाया।
इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ने बातचीत और लोगों के नज़रिए को जगह देने की भी बात की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों के नज़रिया और बातचीत के लिए जगह होनी चाहिए, भले ही आप उनकी बातों से सहमत हो या न हों।
प्रणब मुखर्जी से पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ केवल हिंदुओं के लिए काम नहीं करता, संघ पूरे देश के लिए काम करता है।
वहीं प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में बुलाए जाने को लेकर भागवत ने कहा हमने सहज रूप से प्रणब मुखर्जी को आज के कार्यक्रम में बुलाया था उन्होंने हमारा स्नेह समझा और आने की सहमति दी हमारा निमंत्रण स्वीकार किया।
उन्होंने आगे कहा कि डॉ. प्रणब मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में क्यों आए, इस पर चर्चा व्यर्थ है, संघ संघ है और डॉ. प्रणब मुखर्जी डॉ. प्रणब मुखर्जी हैं। उन्हें कैसे बुलाया और वो कैसे जा रहे हैं, ये चर्चा निरर्थक है।
गौरतलब है कि मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय में भाषण दिए जाने को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने आपत्ति जताई है, हालांकि इसके बावजूद वह आज संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने जा रहे हैं।
उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उन्हें संघ के कार्यक्रम में भाषण दिए जाने को लेकर नसीहत दी थी।
Live Updates:
# आज लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है, हर दिन हिंसा की खबर आ रही है। युवाओं को हिंसा और गुस्सा छोड़कर शांति के रास्ते पर चलना चाहिए ये मातृभूमि की मांग है। हर तरह की हिंसा से हमारे समाज को बचने की जरूरत, चाहे वह मौखिक हो या शारीरिक।- प्रणब मुखर्जी
# लोकतंत्र में लोगों के नज़रिया और बातचीत के लिए जगह होनी चाहिए, भले ही आप उनकी बातों से सहमत हो या न हों।- प्रणब मुखर्जी
# कई लोगों ने सैकड़ों सालों तक भारत पर शासन किया, फिर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत पर शासन किया। बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी आई। 5000 पुरानी हमारी सभ्यता को कोई भी विदेशी आक्रमणकारी और शासक खत्म नहीं कर पाया।- प्रणब मुखर्जी
# संविधान से राष्ट्रवाद की भावना बहती है, सिर्फ एक धर्म एक भाषा भारत की पहचान नहीं है। 50 सालों में मैंने सार्वजनिक जीवन में सीखा है कि विविधिता और सहिष्णुता में ही भारत बसता है।- प्रणब मुखर्जी
# भारत विविधता में एकता का देश है, नफरत और भेदभाव से हमारी पहचान को खतरा है। अलग भाषा, धर्म और रंग भारत की पहचान है।- प्रणब मुखर्जी
# भारत यूरोप और अन्य दुनिया से पहले ही एक देश था। भारत के दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं। प्राचीन काल में बहुत से विदेशी यात्रियों ने भी भारत की तारीफ की।- प्रणब मुखर्जी
# धर्म के आधार पर राष्ट्र की परिभाषा गलत है, भारत का मंत्र वसुधैव कुटुंबकम रहा है।- प्रणब मुखर्जी
# मैं यहां राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बोलने आया हूं, देश के प्रति समर्पण ही असल देश भक्ति है।- प्रणब मुखर्जी
# इस देश को खड़ा करने में अनेक महापुरुषों ने त्याग किया है। ये केवल नागरिकता की बात नहीं है, यहां पर जन्म लेने वाला प्रत्येक नागरिक भारत का पुत्र है और यही सबकी पहचान है। -मोहन भागवत
# भारत में रहने वाला हर शख्स अपना है और इसमें कोई विवाद नहीं है। दूसरों की विविधता को स्वीकार करके उसे सम्मान देते हुए एकता बनाए रखना जरूरी है। सभी को मिलकर देश की सेवा करनी होगी। -मोहन भागवत
# संघ केवल हिंदुओं के लिए नहीं पूरे देश के लिए काम करता है। संघ लोकतांत्रिक व्यवस्था में यकीन करती है। -मोहन भागवत
# हमने दिल से प्रणब मुखर्जी को आज के कार्यक्रम में बुलाया था उन्होंने हमारी दिल की बात समझी और हमारा निमंत्रण स्वीकार किया। -मोहन भागवत
# डॉ. प्रणब मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में क्यों आए, इस पर चर्चा व्यर्थ है, संघ संघ है और डॉ. प्रणब मुखर्जी डॉ. प्रणब मुखर्जी हैं। -मोहन भागवत
# आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में प्रत्येक वर्ष उस तरह का कार्यक्रम का आयोजन होता है इसमें कुछ नया नहीं है।-मोहन भागवत
# संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस मुख्यालय के मंच से बोलना शुरू किया।
# नागपुर में कार्यक्रम स्थल पर RSS का ध्वज फहराया गया।
#WATCH Former President Dr Pranab Mukherjee speaking at RSS's Tritiya Varsh event, in Nagpur https://t.co/3mo97GEPcV pic.twitter.com/eDfRpGK2o1
— ANI (@ANI) June 7, 2018
# संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में हुआ ध्वजा रोहण।
# राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति, संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करेंगे प्रणब मुखर्जी।
# हेडगेवार के जन्मस्थल पर पहुंच कर प्रणब मुखर्जी ने विजिटर्स बुक में लिखा, 'मैं आज यहां भारत मां के महान सपूत को श्रद्धांजलि देने आया हूं, मैं उन्हें नमन करता हूं।'
'Today I came here to pay my respect and homage to a great son of Mother India': Former President Dr.Pranab Mukherjee's message in the visitor's book at RSS founder KB Hedgewar's birthplace in Nagpur pic.twitter.com/ax76NCzJMa
— ANI (@ANI) June 7, 2018
# राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मौजूद। 6.30 बजे दीक्षांत समारोह में जाएंगे।
#WATCH:Former President Pranab Mukherjee in conversation with Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat at RSS founder KB Hedgewar's birthplace in Nagpur. pic.twitter.com/PDXnP5H4lE
— ANI (@ANI) June 7, 2018
# पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने RSS के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के घर पहुंच कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
Nagpur: Former President Pranab Mukherjee arrives at Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) founder KB Hedgewar's birthplace, welcomed by RSS chief Mohan Bhagwat. pic.twitter.com/QY1QguMNDV
— ANI (@ANI) June 7, 2018
कार्यक्रम में शामिल होने से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट कर अपने पिता के इस कदम का विरोध किया था।
उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा, 'आज के मामले को देखकर आपको अंदाजा लग गया होगा कि बीजेपी किस तरह से गंदा खेल खेलती है। यहां तक की आरएसएस भी इस बात पर भरोसा नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेंगे।'
शर्मिष्ठा ने कहा, 'लेकिन भाषण को भुला दिया जाएगा और तस्वीरें हमेशा के लिए बनी रहेंगी, जिसे फर्जी बयान के साथ हमेशा ही फैलाया जाता रहेगा।' शर्मिष्ठा ने यह बाते खुद के बीजेपी में जाने को लेकर फैली अफवाह को लेकर कही हैं।
शर्मिष्ठा मुखर्जी के इस आरोप पर संघ विचारक राकेश सिन्हा ने उन्हें आड़े हाथों लिया और प्रणव मुखर्जी को महान शख्स बताते हुए कहा ऐसे लोग कोई फैसला बेटी-बेटों से पूछकर नहीं लेते हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, तात्कालिक राजनीतिक स्वार्थ और समझ से बाहर निकलकर ही आप प्रणव मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में जाने के महत्व को समझ सकती हैं। शर्मिष्ठा महान लोग अपने बेटे-बेटियों की इच्छा से निर्णय नहीं लेते हैं।
वहीं कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के प्रमुख राजनीति सलाहकार अहमद पटेल ने भी ट्वीट के जरिए प्रणव मुखर्जी के कार्यक्रम में जाने का विरोध किया। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, 'मैं प्रणव दा से ऐसी उम्मीद नहीं कर सकता था।'
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आज शाम में नागपुर के आरएसएस मुख्यालय में स्वयंसेवकों के विदाई समारोह पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे।
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Source : News Nation Bureau