इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर राजनीतिक दलों की आशंकाओं को दूर करने के लिये चुनाव आयोग ने शनिवार को EVM और VVPAT का लाइव डेमो दिया। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने सवाल उठाने वाले दलों को 3 जून को हैकिंग की चुनौती दी है।
राजनीतिक दलों ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ की शिकायत की थी और मांग की थी कि चुनाव आयोग भविष्य में होने वाले सभी चुनावों को बैलट पेपर से कराए।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की आशंकाओं को निराधार बताया था और 12 मई को सर्वदलीय बैठक कर सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम से छेड़छाड़ करने की औपचारिक तौर पर खुली चुनौती दी थी।
बीजेपी को छोड़कर लगभग सभी विपक्षी दलों ने दावा किया था कि ईवीएम से लोगों का भरोसा उठ गया है।
इस सर्वदलीय बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा था कि राजनीतिक दल सिद्ध करके दिखाएं कि एडवांस्ड तकनीकी एवं प्रशासनिक सुरक्षा इंतजाम के बावजूद ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कैसे की जा सकती है।
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उन्होंने कहा था, ‘हालांकि ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का इस्तेमाल पूरी पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगी लेकिन विवाद को समाप्त करने के लिए आयोग चुनौती पेश करेगा।’
बैठक में मौजूद बीजेपी, माकपा, भाकपा ,अन्नाद्रमुक, द्रमुक सहित अनेक पार्टियों ने वीवीपीएटी मशीन से जुड़ी ईवीएम के इस्तेमाल का खुला समर्थन किया था। लेकिन बीएसपी, आप, तृणमूल कांग्रेस ने मतपत्रों के जरिए मतदान के पुराने तरीके को ज्यादा बेहतर और पारदर्शी बताया।
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चुनाव आयुक्त ने कहा था कि आपको इस बात से सहमत होना चाहिए कि कोई भी दल चुनाव आयोग का पसंदीदा नहीं है, हम सभी पार्टियों और समूहों से समान दूरी बना कर रखते हैं।
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Source : News Nation Bureau