हरियाणा में अपनी मांगों और शिकायतों पर राज्य सरकार से बात नहीं बनने पर अब नाराज जाट प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली का रूख कर लिया है। दिल्ली के जंतर मंतर जाट बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों ने आज विरोध प्रदर्शन किया।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेता यशपाल मलिक ने कहा कि बीते 29 जनवरी से आंदोलन कर रहे जाट नेता अब राजधानी दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। यशपाल मलिक ने कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन से हरियाणा से होने वाले सामनों की आपूर्ति पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
असहयोग आंदोलन के तहत जाट समुदाय के लोगों से बिजली, पानी के बिल का भुगतान न करने और राष्ट्रीय राजधानी को दूध के साथ ही अन्य जरूरी चीजें जैसे सब्जियों की आपूर्ति बंद करने को कहा गया है। इस बीच हरियाणा विधानसभा में जाट आंदोलन पर चर्चा की गई।
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव पेश करने वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी हरियाणा में जाटों को सरकारी नौकरियों और सरकारी संस्थानों में आरक्षण पर राजनीति करने का प्रयास कर रही हैं।
चौटाला ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार जाट समुदाय की मांगों को पूरा करने में विफल रही है, जबकि उसने पिछले साल इस पर सहमति जताई थी।
आरक्षण के अलावा जाट पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी, घायलों को मुआवजा, उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और जाटों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
फरवरी 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस दौरान हजारों करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति बर्बाद हो गई थी।