मंदसौर हिंसा के बाद पूरे देश में किसान आंदोलन ज़ोर पकड़ता जा रहा है। गुरुवार से राजस्थान के किसान भी मध्य प्रदेश के किसानों की तर्ज पर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरु करने वाले हैं।
केन्द्र सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद न करने के विरोध सहित 13 मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने 15 जून से अनिश्चितकालीन धरना का ऐलान किया है। इसके तहत प्रदेश के 8 शहरों में किसान धरना प्रदर्शन करेंगे।
वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार से मंदसौर गोलीकांड के विरोध में अनशन पर बैठ गए हैं।
टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में बुधवार शाम चार बजे से शुरू हुए कांग्रेस के 72 घंटे के सत्याग्रह के मौके पर सिंधिया ने कहा, 'मंदसौर की घटना देश के लिए कलंक है। इसके लिए कोई और नहीं, बल्कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिम्मेदार हैं।'
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बता दें कि मध्यप्रदेश में मंदसौर हिंसा के बाद से भी किसानों के आत्महत्या करने का सिससिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
वहीं देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी किसान आंदोलन को लेकर अब किसान संगठनों की ओर से भी साझा रणनीति बनाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में मोदी सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में 2 जून से किसान आंदोलन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसान फसलों की सही कीमत मिलने और कर्जमाफी जैसे मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
हालांकि इसके बाद शिवराज सरकार ने कई किसानों से बतचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश की। लेकिन फिर भी मामला सुलझा नहीं और आंदोलन पूरे देश में फैलता जा रहा है।
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Source : News Nation Bureau