प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम में देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सदिया का उद्घाटन कर दिया। यह पुल तीन लेन का है और 9.15 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी लोहित पर किया गया है। इसका नाम भूपेन हजारिका के नाम पर रखा गया है।
यह पुल असम के ढोला को अरुणाचल के सादिया से जोड़ता है। इस पुल के बनने से असम के राष्ट्रीय राजमार्ग-37 में रूपाई और अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग-52 में मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। इन दो स्थानों के बीच यात्रा करने में वर्तमान में छह घंटे का समय लगता है, जो अब घटकर एक घंटा हो जाएगा।
अभी तक ब्रह्मपुत्र को पार करने के लिए केवल दिन के समय नाव का ही उपयोग किया जाता था और बाढ़ के दौरान यह भी संभव नहीं होता था। लेकिन इस पुल का उद्घाटन होने के बाद ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग के लिए संपर्क सुनिश्चित हो गया है। इससे प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल में 10 लाख रुपये तक की बचत होगी।
ढोला-सदिया पुल परियोजना की कुल लंबाई दोनों तरफ की सड़कों को मिलाकर कुल 28.50 किलोमीटर है और पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है। इस पुल का निर्माण बीओटी एन्यूटी ने कराया है, जिसकी कुल लागत 2,056 करोड़ रुपये है।
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# पीएम मोदी ने किया पुल का उद्धाटन
PM Modi inaugurates Dhola - Sadia Bridge across River Brahamputra in Purana Sadiya, Assam pic.twitter.com/RMjRPilvAJ
— ANI (@ANI_news) May 26, 2017
PM Modi at the newly inaugurated Dhola - Sadia Bridge across River Brahamputra in Purana Sadiya, Assam pic.twitter.com/rbUubURfXu
— ANI (@ANI_news) May 26, 2017
# डिब्रुगढ़ पहुंचे पीएम मोदी
# इससे पहले सेना को नाव से नदी पार करनी पड़ती थी। 9.15 किलोमीटर लंबे इस पुल को इस तरह बनाया गया है ताकि इसका सामरिक इस्तेमाल भी किया जा सके।
Assam: PM Modi arrives in Dibrugarh, will inaugurate Dhola-Sadiya bridge in Tinsukiya district, and other projects pic.twitter.com/U7pCTM54Jx
— ANI (@ANI_news) May 26, 2017
जानिये इस पुल की खास बातें:
1. ढोला-सदिया 9.15 किलोमीटर लंबा है और देश की ही नहीं एशिया का सबसे लंबा पुल है।
2. एशिया का ये सबसे लंबा पुल असम तिनसुकिया जिले में बना है। ये मुंबई बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से 30 फीसदी ज्यादा लंबा है।
3. ये पुल लोहित और ब्रह्मपुत्र नदी पर बना है, लोहित ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी है।
4. ब्रहमपुत्र पर बना या चौथा पुल है इससे उत्तर-पूर्व के राज्यों में आना-जाना आसान हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ सेना को होगा। इससे असम से अरुणाचल स्थित पोस्ट्स किबिथू, वलांग और चगलागाम जाने में सेना का तीन से चार घंटे का समय बचेगा।
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5. इस पुल से 60 टन के सेना के टैंक बड़ी आसानी से जा सकेंगे।
6. इस पुल के माध्यम से सैन्य साजो सामान को आसानी से अरुणाचल प्रदेश के अनिनी के सामरिक ठिकाने तक पहुंचाया जा सकेगा। यह इलाका चीन की सीमा से सिर्फ 100 किलीमोटर दूर है।
7. इसपर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी।
8. इस पुल से उस इलाके में कन्क्टिविटी बढ़ जाएगी, इससे पहले ब्रह्मपुत्र को पार करने का माध्यम सिर्फ नाव होती थी वो दिन के समय पार कर सकते थे रात में नहीं। बाढ़ और ज्यादा बारिश की स्थिति में तो वो भी संभव नहीं था।
9. इस पुल को बनाने का काम 2011 में हुआ था, पुल के लिये योजना में 876 करोड़ रुये का बजट रखा गया था। इसे साल 2015 में पूरा किया जाना था, लेकिन 2017 में पूरा हुआ और 1000 करोड़ में बनकर तैयार हुआ।
10. इस पुल के बनने से असम के नेशनल हाइवे-37 में रूपाई और अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग-52 में मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
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Source : News Nation Bureau