सुप्रीम कोर्ट (SC) ने बड़े कॉरपोरेट घरानों के पास फंसे लोन पर केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। एससी ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह उन कॉरपोरेट इकाइयों की सूची दे जिन पर 500 करोड़ रपये से अधिक का कर्ज बकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों के बढ़ते फंसे कर्ज को संज्ञान में लेते हुए यह निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से वसूली के उन मामलों के बारे में व्यावहारिक आंकड़ा भी उपलब्ध कराने को कहा है जो लोन न्यायाधिकरणों व उनके अपीलीय निकायों में दस साल से लंबित हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दस साल से अधिक समय से लंबित मामलों के बारे में प्रायोगिक आंकड़ा तथा 500 करोड़ रपये से अधिक राशि की कर्जदार कारपोरेट इकाइयों की सूची सौंपे।
डीआरटी और डीआरएटी में बुनियादी ढांचे की कमी के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, डीआरटी व डीआरएटी में कर्मचारियों की स्थिति व न्यायिक अधिकारियों सहित मौजूदा बुनियादी ढांचे के साथ क्या संशोधित कानून में तय समयसीमा को हासिल किया जा सकता है।
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Source : News Nation Bureau