गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) के कानपुर के पास नाटकीय मुठभेड़ (Vikas Dubey Encounter) में मारे जाने के बाद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया है कि गाड़ी पलटने पर मौके पर पहुंचे आसपास के लोगों को एसटीएफ ने भगा दिया और उसके बाद उन्हें गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी थी. हालांकि कुछ मीडियो रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने गोलियां चलने की आवाज सुनीं लेकिन कार के पलटने की कोई आवाज नहीं आई. गौरतलब है कि आठ पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहीं से एसटीएफ (STF) उसे कानपुर लेकर आ रही थी, जब कानपुर के पास एसटीएफ की गाड़ी पलटने पर विकास दुबे ने भागने की कोशिश में पुलिस टीम पर उन्हीं के हथियार छीन कर हमला बोल दिया. जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया.
आसपास के लोगों ने फायरिंग की आवाज सुनी
हालांकि नाटकीय गिरफ्तारी की तरह ही नाटकीय मुठभेड़ पर प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी सवालिया निशान खड़ा करते हैं. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि वे जब गाड़ी पलटने की जगह पर पहुंचे तो उन्हें वहां से भगा दिया गया. इसके बाद उन्होंने फायरिंग की आवाज सुनी. एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए विकास दुबे की मौत हो गई है. इस एनकाउंटर में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने एनकाउंटर की पुष्टि की है.
गिरफ्तारी से मुठभेड़ तक सवालिया निशान
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के सामने से गुरुवार को विकास दुबे (Vikas Dubey) की नाटकीय गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को ही कानपुर में सुबह हुई मुठभेड़ (Encounter) में गैंगस्टर के मारे जाने तक का घटनाक्रम कई सवालिया निशान छोड़ता है. इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि अब योगी सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के नए दौर के साथ सूबे की सियासत भी गर्माएगी. उज्जैन से कानपुर लाए जाते वक्त कानपुर के पास एसटीएफ की पलटी गाड़ी की खबर आते ही पूरे घटनाक्रम पर कई सवालिया निशान खड़े हो जाते हैं.