Lockdown Effect : राम तेरी गंगा निर्मल हो गई फैक्‍ट्रियों के बंद होते-होते

Lockdown Effect : लॉकडाउन में भले ही आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस बीच एक अच्‍छी खबर है. लॉकडाउन में फैक्‍ट्रियों के बंद होने से प्रदूषण कम हुआ है और गंगा का पानी एकदम शुद्ध हो गया है.

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Sunil Mishra
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Ganga Water

Lockdown : राम तेरी गंगा निर्मल हो गई फैक्‍ट्रियों के बंद होते-होते( Photo Credit : Twitter)

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लॉकडाउन (Lockdown) में भले ही आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस बीच एक अच्‍छी खबर है. लॉकडाउन में फैक्‍ट्रियों के बंद होने से प्रदूषण कम हुआ है और गंगा का पानी (Ganga Water) एकदम शुद्ध हो गया है. इसके अलावा, हवा में भी शुद्धता आई है. देश के प्रमुख तीर्थ हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा जल अब पीने योग्य हो गया है. पहले यहां के जल को B कैटागरी में रखा गया था, लेकिन लॉकडाउन में इसकी शुद्धता बढ़ने से A कैटागरी में शामिल कर लिया गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि गंगाजल में घुले डिसॉल्वड सॉलिड की मात्रा में 500 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. ऋषिकेश में गंगाजल को डिसइंफेक्ट कर पीने के लिए उपयोग किया जा सकता है तो हरिद्वार में अभी यह नहाने योग्‍य है और कुछ ट्रीटमेंट के बाद यह पीने योग्य भी हो जाएगा.

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आम तौर पर उत्‍तराखंड के तीर्थ वाले शहरों में अप्रैल-मई और जून में टूरिस्‍टों की भारी भीड़ लगी रहती थी, लेकिन लॉकडाउन होने से यहां सन्‍नाटा पसरा है. झील नगरी नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल सभी में झीलों का पानी न केवल पारदर्शी और निर्मल दिख रहा है बल्कि इन झीलों की ख़ूबसूरती भी बढ़ गई है.

पिछले कई सालों से झीलों के जलस्‍तर में गिरावट देखी जा रही थी, जो इस बार नहीं दिख रही है. जानकारों के अनुसार, शहर के होटलों में लटके तालों, रेस्‍तरां के बंद होने से ऐसा संभव हो पाया है. झील में मछलियों का किनारे आकर अठखेली करना देखते बन रहा है. लॉकडाउन में आलम यह है कि तेंदुए के शावक शहर रोड पर खुलेआम चहलकदमी करते देखे जा सकते हैं. कुछ दिनों पहले तो सुबह सवेरे गजराज हरकी पौड़ी घाट पर स्‍नान करने आ धमके. किसी तरह गजराज को वहां से विदा किया गया.

गंगाजल को शुद्ध करने के लिए सरकारों ने करोड़ों खर्च किए तब भी परिणाम नहीं आया, लेकिन लॉकडाउन ने ऐसा कर दिखा. विशेषज्ञों के अनुसार, पहले की तुलना में गंगाजल की गुणवत्ता में 40-50% सुधार आया है.

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गंगाजल के अलावा हवा भी इतनी शुद्ध हो गई है कि शहरों से पहाड़ों की चोटियां साफ़ दिख रही हैं. लॉकडाउन में तीर्थयात्रियों की आवाजाही बंद होने से साफ़ सफाई बढी, वहीं मंदिरों के बंद होने से कचरे निकलने बंद हो गए और इसका फल यह हुआ कि जहां गंगा घाट साफ़ और सुंदर हो गए, वहीं गंगा भी निर्मल हो गई.

Source : News Nation Bureau

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