कश्मीर में कोरोना वायरस बीमारी को फैलने से रोकने के मकसद से लागू प्रतिबंधों को सोमवार को और सख्त कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि घाटी में लॉकडाउन के 40वें दिन लोगों के एकत्र होने और उनकी आवाजाही पर लगे प्रतिबंधों को और कड़ा करने का फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामले अचानक बढ़ गए हैं. सुरक्षा बलों ने घाटी के ज्यादातर स्थानों के मुख्य मार्गों को बंद कर दिया है और कई स्थानों पर लोगों की गैर जरूरी आवाजाही पर नजर रखने के लिए अवरोधक लगा दिए हैं.
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प्रशासन ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों समेत आवश्यक सेवाओं को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है और इसके अलावा केवल मान्य पास धारकों को आने-जाने की अनुमति दी जाएगी. घाटी में घोषित निरुद्ध क्षेत्रों को सील कर दिया गया है ताकि मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन किया जा सके. अधिकारियों ने बताया कि घाटी के तमाम बाजार बंद हैं. सार्वजनिक परिवहन माध्यम भी सड़क से नदारद हैं.
केवल दवाईयों एवं किराने-सब्जियों की दुकानों को खुलने की अनुमति है. घाटी में देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने से एक हफ्ते से भी अधिक वक्त पहले से शैक्षणिक संस्थान, जिम, पार्क, क्लब और रेस्तरां बंद कर दिए गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां 24 मार्च की शाम देशव्यापी बंद की घोषणा की थी वहीं केंद्र शासित प्रशासन ने यहां 22 मार्च को समूचे जम्मू-कश्मीर में 31 मार्च तक बंद की घोषणा की थी.
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हालांकि, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में प्रतिबंधों की पहली बार 19 मार्च को घोषणा की थी. रविवार को केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के 29 नये मामले सामने आए थे. जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की कुल संख्या 523 हो गई है और सात मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि 132 स्वस्थ हो गए हैं.