लॉकडाउन का डर? दिल्ली-महाराष्ट्र से अपने घर को लौट रहे प्रवासी मजदूर

महाराष्ट्र ही नहीं दिल्ली एनसीआर में रहने वाले प्रवासी मजदूर भी अपने राज्यों के लिए पलायन कर रहे हैं. दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पर बीते दिन बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर घर जाते हुए दिखे.

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Kuldeep Singh
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बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं अपने घर( Photo Credit : ANI)

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मुंबई और महाराष्ट्र में सरकार की सख्ती और लॉकडाउन के डर ने एक बार फिर से मजदूरों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया है. मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस से बीते सप्ताह भर से अचानक मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. मज़दूरों के अलावा मुम्बई में बसने वाले प्रवासी भी पलायन कर रहे हैं. हालांकि कुछ लोगों की तैयारी पहले से थी लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए और मुम्बई पर लॉकडाउन का खतरा देखते हुए मजदूर तत्काल टिकट लेकर पलायन कर रहे हैं. देश के कई राज्यों और शहरों में  लॉकडाउन और नाइटकर्फ्यू लगाया जा चुका है. इसके बाद प्रवासी मजदूरों की चिंता और बढ़ गई है. 

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महाराष्ट्र ही नहीं दिल्ली एनसीआर में रहने वाले प्रवासी मजदूर भी अपने राज्यों के लिए पलायन कर रहे हैं. दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पर बीते दिन बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर घर जाते हुए दिखे. बिहार के कुछ मज़दूरों का कहना है कि पिछली बार लॉकडाउन में वो यहां फंसे रह गए थे, ऐसे में अब फिर से ऐसी स्थिति बनती है तो वो यहां फंसना नहीं चाहते हैं. इसलिए पहले ही अपने घर जा रहे हैं. बिहार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की खासी भीड़ देखी जा सकती है. रेलवे की ओर से कहा गया है कि हम यहां नियमों का पालन कर रहे हैं, अधिक संख्या है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के पैमाने पर खरा उतरा जा रहा है.

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फिर से लॉकडाउन का डर ?
दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी जैसे कई राज्यों ने अपने शहरों में नाइट कर्फ्यू तो लागू कर दिया है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में तो वीकेंड लॉकडाउन भी चल रहा है. दिल्ली के बाद एनसीआर के अन्य शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. गाजियाबाद में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. मजदूरों की सबसे बड़ी चिंता है कि अगर अचानक लॉकडाउन लागू किया गया तो कहीं वह पिछली साल की तरह ना फंस जाएं. याद हो कि बीते साल जब अचानक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था, तब लाखों मजदूर शहरों में फंस गए थे. जिसके बाद सड़कों पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ अपने गांवों को लौटते हुए दिखाई दी थी. 

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