5 जुलाई को 'आशीर्वाद यात्रा' निकालेंगे चिराग पासवान, बोले- जनता की दुआओं की जरूरत

लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और बिहार में उनकी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की गई है.

author-image
Mohit Sharma
एडिट
New Update
chirag Paswan

chirag Paswan ( Photo Credit : ANI)

Advertisment

बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ( LJP ) में चल रही उथल-पुथल के बीच लोजपा के चिराग पासवान ( Lok Janshakti Patry leader Chirag Paswan ) ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ली. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अधिकांश सदस्य उपस्थित थे. सदस्यों ने निष्कासित सदस्यों द्वारा पार्टी के चिन्ह और नाम के उपयोग की निंदा और विरोध किया. इस दौरान लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने और बिहार में उनकी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की गई है.

यह भी पढ़ें: LJP Crisis: पशुपति बोले- लोकसभा अध्यक्ष ने हमारी बात को सही माना

मेरे पिता और चाचा अब मेरे साथ नहीं हैं

चिराग ने कहा कि मेरे पिता की जयंती 5 जुलाई को पड़ती है. मेरे पिता और चाचा अब मेरे साथ नहीं हैं. इसलिए हमने 5 जुलाई से हाजीपुर से 'आशीर्वाद यात्रा' निकालने का फैसला किया है. यह आशीर्वाद यात्रा बिहार के सभी जिलों से गुजरेगी, हमें लोगों से और प्यार और आशीर्वाद की जरूरत है. आपको बता दें कि बिहार में चिराग पासवान ने जून के तीसरे सप्ताह में ही अपनी ही पार्टी के भीतर अपनी राजनीतिक स्थिति खो दी थी. उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने स्वर्गीय रामविलास पासवान द्वारा स्थापित पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर तख्तापलट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.  घटनाओं की समग्र श्रृंखला अन्य राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत नेताओं के लिए एक सबक हो सकती है, जो नकारात्मक राजनीति के जरिये अपना नफा-नुकसान देखने की कोशिश करते हैं. चिराग पासवान की राजनीति में नकारात्मकता पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान सामने आई जब उन्होंने अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया.

यह भी पढ़ें: स्पीकर ओम बिरला से मिले चिराग पासवान- जानिए कितनी कठिन है सियासी डगर?

लोजपा ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे

इससे उनकी कोशिश जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को अधिकतम नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी. उस वक्त उन्होंने खुले तौर पर भाजपा का समर्थन करने के साथ ही खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया था. चिराग पासवान को जदयू को नुकसान पहुंचाने के अपने एक सूत्रीय एजेंडे के कारण एनडीए छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि बीजेपी और जदयू दोनों एनडीए का हिस्सा हैं. चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से ज्यादातर जदयू के खिलाफ थे. लोजपा ने अपने गेमप्लान के मुताबिक साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू को सिर्फ 43 सीटें मिलीं, जबकि 2015 के चुनावों में इसके सीटों की संख्या 69 थीं.  इस तरह के ²ष्टिकोण ने चिराग पासवान को और अधिक आहत किया क्योंकि साल 2020 के चुनावों में उनकी पार्टी ने सिर्फ एक ही सीट पर जीत हासिल की थी.

HIGHLIGHTS

  • चिराग पासवान ने दिल्ली में अपने कार्यालय में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की
  • चिराग बोले- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अधिकांश सदस्य उपस्थित थे
  • रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और उनकी प्रतिमा स्थापित करने की मांग 
Pashupati Paras dissolves LJP committee LJP President Lok Janshakti Patry leader Chirag Paswan Lok Janshakti Patry LJP Crisis
Advertisment
Advertisment
Advertisment