लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही गुरुवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गईं. इसके साथ ही संसद (Parliament) का जबर्दस्त हंगामाखेज बजट सत्र समाप्त हो गया. इस बजट सत्र को काम के लिहाज से हालिया दौर में सबसे कम उत्पादक (Productivity) करार दिया जा सकता है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक तरफ जहां 'खतरे में लोकतंत्र' वाले ब्रिटेन में दिए गए बयान पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से माफी मांगने पर टिकी रही, तो विपक्ष (Opposition) अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की अपनी मांग पर अड़ा रहा. इन परस्पर अड़ियल मसलों से जुड़े विरोधों से अस्त-व्यस्त 17 वीं लोकसभा का 11वां सत्र हाल के दिनों में सबसे अधिक हंगामेदार रहा. थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बजट सत्र (Budget Session) के दूसरे भाग में तो उत्पादकता घटकर 5.3 पर आ गई, जबकि पहले भाग में 83.8 फीसदी काम हुआ था.
लोकसभा में 34 फीसद तो राज्यसभा में 24 प्रतिशत काम हुआ
लोकसभा ने अपनी निर्धारित अवधि का लगभग 34 प्रतिशत और राज्यसभा ने 24 फीसद ही काम किया. निचले सदन ने 133.6 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले 45 घंटे ही कार्य किया, राज्यसभा ने 130 में से 31 घंटे काम किया. वित्त और विनियोग विधेयक, प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022 इस सत्र के दौरान पारित चंद विधेयक रहे. इन दोनों विधेयकों को सदन में बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया गया. राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा, 'यह विडंबना है कि संसद में अव्यवस्था नई व्यवस्था बन रही है. यह एक नया मानदंड है जो लोकतंत्र के सार को नष्ट कर रहा है.'
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कांग्रेस पर बीजेपी के मंत्रियों का तीखा हमला
बीजेपी का आरोप है कि सत्र के आखिरी दिन भी कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों ने अपना उच्छृंखल व्यवहार दिखाया और काले कपड़े पहनकर संसद का अपमान किया. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने सहयोगियों पीयूष गोयल और अर्जुन राम मेघवाल के साथ कहा, 'देश एक व्यवस्था से चलता है, यह कांग्रेस की मनमानी से नहीं चलेगा.' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने समापन भाषण में कहा कि सदन ने आम बजट पर 14.45 घंटे चर्चा की, जिसमें 145 सांसदों ने भाग लिया. राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर 143 सांसदों की भागीदारी के साथ 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा हुई.
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अब तक का सबसे छोटा बजट सत्र रहा
पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली सभी लोकसभाओं में 16वीं लोकसभा ने अपने पूरे कार्यकाल में 331 दिनों तक बैठने के साथ सबसे कम बैठक का रिकॉर्ड बनाया था. कहा जा सकता है कि अब जब 17वीं लोकसभा के कार्यकाल का महज एक और वर्ष बाकी है, तो इस कार्यकाल के दौरान हर साल औसतन 58 बैठकें कर 331 दिनों से अधिक बैठने की संभावना कतई नहीं है. यह 1952 के बाद से इसे सबसे छोटा पूर्ण-कालिक लोकसभा कालखंड बना सकता है. यही नहीं, 1952 के बाद से यह छठा सबसे छोटा बजट सत्र रहा. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था. 14 फरवरी से 12 मार्च तक दोनों सदनों में अवकाश रहा था.
HIGHLIGHTS
- 1952 के बाद से संसद का यह छठा सबसे छोटा बजट सत्र रहा
- राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर 13 घंटे 44 मिनट चर्चा
- कांग्रेस ने अडानी, तो बीजेपी ने राहुल की माफी मांग नहीं छोड़ी