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Lok Sabha Election: क्या लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे की आहट महसूस हो रही है?

Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव 2024 में अभी लगभग एक साल का वक्त है, लेकिन आखिरी साल में सारे राजनैतिक राजनैतिक दल अपने कील-कांटे दुरुस्त करने और जोड़-तोड़ करने में जुट जाते हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले की कवायद शुरू हो चुकी है.

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Deepak Pandey
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Farooq Abdullah akhlish yadav

Farooq Abdullah meet akhlish yadav( Photo Credit : File Photo)

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Lok Sabha Election : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में अभी लगभग एक साल का वक्त है, लेकिन आखिरी साल में सारे राजनैतिक राजनैतिक दल अपने कील-कांटे दुरुस्त करने और जोड़-तोड़ करने में जुट जाते हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले की कवायद शुरू हो चुकी है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) शनिवार को लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhlish Yadav) से मुलाकात की.

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यूं तो ये सियासी मुलाकात नहीं थी, क्योंकि फारूख़ अब्दुल्ला लखनऊ में मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए अखिलेश के निजी आवास पर पहुंचे थे. लेकिन जब फारूख अब्दुल्ला मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने मुलायम सिंह के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि संसद में वो और मुलायम सिंह साथ बैठा करते थे और जब मुलायम सिंह के प्रधानमंत्री बनने के सियासी समीकरण बन रहे थे तो उन्होंने पूरी कोशिश की थी कि मुलायम प्रधानमंत्री बने. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका था.

फारूख अब्दुल्ला ने तीसरे मोर्चे के बनने के सवाल पर कहा कि मैं अभी तो आपके सामने नहीं कह सकता लेकिन ऑल पार्टी की मीटिंग होगी तब इस पर बात करेंगे. अब इस मुलाकात के सियासी एंगल पर बात करें तो अखिलेश देश के सबसे बड़े प्रदेश में विपक्ष के नेता हैं और 100 से ज्यादा विधानसभा सीटें उनकी पार्टी को मिली हैं. ऐसे में भाजपा विरोधी राजनीतिक दल अपेक्षा कर रहे हैं कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में भी अच्छा करेंगे. 

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वहीं, ये भी कहावत है कि दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से होकर जाता है तो अगर अखिलेश यूपी में अच्छी खासी सीटें हासिल करते हैं तो कहीं न कहीं बीजेपी को केंद्र से हटाया जा सकता है. ऐसे में देश के भाजपा विरोधी दलों का ध्यान यूपी पर केंद्रित है. लेकिन ये राह इतनी भी आसान नहीं है, क्योंकि तीसरा मोर्चा कई बार बना लेकिन नेतृत्व करने की हर दल की लालसा से हमेशा विखंडित ही हुआ है. ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले फारूख अब्दुल्ला, अखिलेश, नीतीश कुमार, तेजस्वी, ममता आदि और दक्षिण के एंटी बीजेपी राजनीतिक दल एक प्लेटफॉर्म पर आ पाते हैं या नहीं, ये देखने वाली बात होगी.

HIGHLIGHTS

  • दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से होकर जाता है, ऐसे में विपक्ष को अखिलेश से ज्यादा उम्मीदें
  • लखनऊ में फारूख़ अब्दुल्ला ने अखिलेश यादव से की मुलाकात
  • तीसरे मोर्चे के बनने के सवाल पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने दिया ये जवाब

Source : Shubham Tripathi

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