कौन बनेगा प्रधानमंत्री? महीनों की चुनावी रैलियां, प्रचार-प्रसार और सियासी दांव-पेंचों के बाद आखिरकार इसका फैसला हो गया है. पीएम मोदी आगामी नौ जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. हालांकि अब भी मंत्रिमंडल को लेकर सियासी सस्पेंस बरकरार है. भाजपा के कुछ करीबी सूत्रों का दावा है कि, जातिगत गणित के आधार पर मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है, जबकि दूसरी ओर वेस्ट यूपी से तमाम बड़े चेहरे मोदी के वजीर बनने के लिए जुगत भिड़ा रहे हैं.
इनमें जयंत चौधरी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सुरेंद्र नागर, महेश शर्मा, राजकुमार चाहर, हेमा मालिनी और अरुण गोविल जैसे दिग्गज नेताओं का नाम शुमार है. माना जा रहा है कि, मंत्री पद का फैसला दो चरणों में होगा.. पहला चरण पीएम मोदी के साथ शपथ लेगा, तो दूसरा कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्री पद की शपथ ग्रहण करेगा.
कल तक फाइनल हो जाएगी मंत्री पद की लिस्ट, संबंधित सांसदों को दे दी जाएगी शपथ लेने की सूचना
मंत्री पद को लेकर भाजपा की गणित
जानकारों की मानें तो, भाजपा 2027 के विधानसभा चुनाव की सियासी गणित को साधते हुए मंत्री पद के नामों का चयन करेगी. इसके तहत NDA के तमाम गुटों का साथ सुनिश्चित करने के लिए, जनता दल यूनाइटेड और टीडीपी को एक कैबिनेट मंत्री, दो-दो राज्य मंत्री, शिवसेना शिंदे और लोजपा (आर) को एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री, जनता दल एस को एक कैबिनेट मंत्री, जनसेना, रालोद को एक-एक मंत्री स्वतंत्र प्रभार, अपना दल, हम जैसे अन्य दलों को एक-एक राज्यमंत्री पद सौंपा जा सकता है. वहीं लोकसभा अध्यक्ष का पद भाजपा अपने पास ही रखेगी.
...मगर, वेस्ट यूपी में बीजेपी के लिए चुनाव परिणाम निराशाजनक रहा है.
इस नाम पर मुहर!
हालांकि 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन ज्यादा खास नहीं रहा, जिसका असर केंद्रीय कैबिनेट में जगह पाने वाले सांसदों की तादाद पर पड़ सकता है. मगर माना जा रहा है कि, वेस्ट यूपी से एक नाम पर मुहर लग चुकी है. ये नेता है रालोद अध्यक्ष और राज्ससभा सदस्य जयंत चौधरी, जिनके दो सांसद इस बार पहली बार जीते हैं. लिहाजा ये तय माना जा रहा है कि, जयंत खुद मंत्री बन सकते हैं. हालांकि इसके अतिरिक्त भी कई अन्य नामों पर भी चर्चा है, जिसका फैसला आने वाले कुछ दिनों में हो ही जाएगा...
Source : News Nation Bureau