लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गईं है. 25 सालों से ज्यादा समय तक एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहे अखिलेश यादव और मायावती ने गठबंधन का ऐलान किया. दोनों दलों ने 3838 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें है. इसी बीच सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है. सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि 2 दर्जन से ज्यादा सीटों पर बीएसपी के प्रभारी तय हैं जबकि लोकसभा प्रभारियों के ही पार्टी उम्मीदवार बनने की संभावना है. बीएसपी में पहले भी लोकसभा प्रभारी ही पार्टी उम्मीदवार बनते रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, आगरा से मनोज सैनी, फतेहपुर सिकरी से सीमा उपाध्याय, मेरठ से याकूब कुरैशी, नोएडा से संजय भाटी , सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, अमरोहा से जियाउद्दीन, बिजनौर से इकबाल अहमद, अकबरपुर से रामजी शक्ल, सुल्तानपुर से सोनू सिंह, मोहनलालगंज से सीएल वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, भदोही से रंगनाथ मिश्र , मिश्रिख से विजय कुमार, अंबेडकर नगर से राकेश पांडेय का नाम लोकसभा प्रभारी के रूप में सामने आया है.
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बता दें कि एसपी-बेस्पी गठबंधन से कांग्रेस बाहर है, लेकिन रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि गठबंधन के पास बीजेपी को फिर से सत्ता में आने से रोकने की क्षमता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 80 में से 71 सीटें जीती थीं, जबकि उसके साझेदार अपना दल ने दो सीटें जीती थी. बीएसपी का खाता भी नहीं खुला था. एसपी ने पांच सीटों पर जीती थी, जबकि कांग्रेस दो सीटें जीती थी.
Source : News Nation Bureau