राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम और उत्तराखंड के लिए लोकसभा उम्मीदवारों के चयन के लिए की गई केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक में ये फैसला लिया गया है. हालांकि अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पार्टी लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार सकती है. एक कांग्रेस नेता ने मीडिया चैनल को बताया कि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं गहलोत और पायलट को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं, जबकि पार्टी आलाकमान की दलील है कि, दोनों दिग्गज नेताओं को ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी निभानी है.
गौरतलब है कि, सीईसी की ओर से गहलोत और पायलट दोनों को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बैठक का न्योता दिया गया था, मगर गहलोत बैठक से गायब दिखे. बावजूद इसके उनकी गैरमौजूदगी में भी बैठक में गहलोत के लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर काफी चर्चाएं हुईं. हालांकि उनकी अनुपस्थिति में ये फैसला लिया गया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे.
बता दें कि, इस बैठक में कुल 63 सीटों पर चर्चा हुई और लगभग 40 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर फैसला लिया गया. हालांकि मध्य प्रदेश के लिए सीईसी सिर्फ 6-7 सीटों पर ही किसी फैसले पर पहुंच सकी.
मालूम हो कि, गहलोत कांग्रेस के शीर्ष ओबीसी नेताओं में से एक हैं और पार्टी को राज्यों, खासकर उत्तर भारत में प्रचार के लिए उनकी जरूरत है. वहीं पायलट, जो छत्तीसगढ़ के प्रभारी और सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्य समिति) के सदस्य हैं, पार्टी का एक प्रमुख युवा चेहरा हैं, और उन्हें पहले ही प्रचार के लिए विभिन्न राज्यों में भेजा जा चुका है.
Source : News Nation Bureau