राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (आईपीएफटी) ने कहा कि वह राज्य की दोनों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं बीजेपी का कहना है कि अबतक इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है. आईपीएफटी के सहायक महासचिव और प्रवक्ता मंगल देबबर्मा ने आईएएनएस से कहा कि यह निर्णय केंद्रीय कार्यकारी समिति ने सोमवार को लिया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से कोई बातचीत नहीं हुई है.
आईपीएफटी के उपाध्यक्ष अनंत देववर्मा ने अलग से कहा कि पार्टी ने आगामी आम चुनावों के लिए रणनीति बनाने के लिए पार्टी अध्यक्ष और राजस्व मंत्री नरेंद्र चंद्र देबबर्मा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. अनंत देबबर्मा ने कहा, 'हमने अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.'
बीजेपी प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और आईपीएफटी के नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. त्रिपुरा की सबसे पुरानी जनजातीय पार्टी इंडीजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) ने भी अभी तक निर्णय नहीं किया है कि वह आगामी लोकसभी में अकेले लड़ेगी या अन्य दलों से गठबंधन करेगी.
आईएनपीटी के महासचिव जगदीश देबबर्मा ने आईएएनएस से कहा, 'हम त्रिपुरा में बदलते परिदृश्य पर नजर रखे हुए हैं.' त्रिपुरा में दो प्रमुख गैर वामदल -कांग्रेस और बीजेपी- हमेशा से जनजातीय सहयोग पाने के लिए आईएनपीटी और आईपीएफटी पर निर्भर रहे हैं. 40 लाख आबादी वाले त्रिपुरा में एक-तिहाई जनजातीय समुदाय के हैं.
Source : IANS