हंगामे के बीच लोकसभा ने अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक पारित किया

हंगामे के बीच लोकसभा ने अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक पारित किया

author-image
IANS
New Update
Lok Sabha

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

विपक्ष के विरोध के बीच सदन द्वारा अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021 पारित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को तीसरी बार शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

अनिवार्य या आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और ले-ऑफ को प्रतिबंधित करने वाले एक ही नाम के अध्यादेश को प्रतिस्थापित करना है, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 22 जुलाई को निचले सदन में पेश किया गया था।

इसमें राष्ट्र की सुरक्षा एवं जन-जीवन और संपत्ति को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अनिवार्य रक्षा सेवाएं बनाए रखने का उपबंध किया गया है और यह विधेयक संबंधित अनिवार्य रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 का स्थान लेगा।

दोपहर 2 बजे सदन के फिर से शुरू होने के तुरंत बाद, अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर से विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट लेने और अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक 2021 पर बहस में भाग लेने का आग्रह किया, लेकिन आंदोलनकारी सदस्यों ने हिलने से इनकार कर दिया और नारेबाजी करते रहे।

इसके बाद स्पीकर ने रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से विधेयक पेश करने को कहा।

विधेयक पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विधेयक असंवैधानिक नहीं है जैसा कि विपक्ष दावा कर रहा है। भट्ट ने कहा, हम उत्तर (लद्दाख और पीओके) की स्थिति जानते हैं। संसाधनों की कमी के कारण हम अपनी सेना को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते।

इस बीच रिवोल्यूशनिस्ट सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन. के. प्रेमचंद्रन ने वैधानिक संशोधन पेश किए और कहा कि यह विधेयक केवल आयुध कारखानों के निजीकरण की सुविधा प्रदान करेगा और अध्यक्ष से विधेयक को हंगामे के बीच पारित नहीं करने का आग्रह किया।

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह एक कठोर और अलोकतांत्रिक विधेयक है।

चौधरी ने कहा, हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन महंगाई और जासूसी के मुद्दों पर पहले चर्चा होनी चाहिए।

रक्षा मंत्री ने विधेयक पर बोलते हुए सदन को आश्वासन दिया कि अधिनियम केवल एक वर्ष के लिए लागू होगा और इस कानून को लाने से पहले, सरकार ने सभी अध्यादेश बोर्ड के कारखानों की सभी यूनियनों से सौहार्दपूर्ण वातावरण में परामर्श किया है।

आखिरकार अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021 हंगामे के बीच पारित हो गया।

अनिवार्य रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 को 30 जून, 2021 को प्रख्यापित किया गया था, जिसमें आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर रोक का प्रावधान है।

सरल शब्दों में कहें तो इस विधेयक को लेकर विपक्ष का कहना है कि इसमें कर्मचारियों की हड़ताल रोकने का प्रावधान है, जो संविधान में मिला मौलिक अधिकार है। वहीं केंद्र का कहना है कि किसी भी कर्मचारी और अधिकारी के हितों को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान विधेयक में नहीं है और इसका मकसद यह है कि हथियारों एवं गोला-बारूद की आपूर्ति में बाधा नहीं आए।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment