लोकसभा ने आज भारतीय अंटार्कटिक विधेयक पारित किया. अंटार्कटिक में भारत के दो सक्रिय अनुसंधान केंद्र हैं - मैत्री और भारती,जहां वैज्ञानिक अनुसंधान में शामिल हैं. इस विधेयक का उद्देश्य भारत द्वारा अंटार्कटिक पर्यावरण और इस पर आश्रित व संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उपाय करना है. यह बिल इस साल अप्रैल में भी लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन पारित नहीं हो सका. मानसून सत्र में इंडियन अंटार्कटिक बिल को पारित कराने के लिए लिस्ट किया गया.विधेयक पारित होने के तुरंत बाद, सदन को सोमवार को दोपहर 2 बजे फिर से मिलने के लिए स्थगित कर दिया गया.
अंटार्कटिका में भारतीय मिशन पर गए लोगों की अनियमितता और अपराध जैसे मामलों पर भारत की अदालतों में फैसला करने के लिए यह बिल लाया जा रहा है. दरअसल अभी तक अंटार्कटिका में भारतीय अभियानों पर अंतरराष्ट्रीय कानून चलता था. वहीं पर्यावरण के हितों से जुड़ा यह बिल बेहद अहम है.इस बिल के माध्यम से भारत सरकार एक अंटार्कटिक शासन और पर्यावरण संरक्षण समिति बनाएगी. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे. तटीय शहरों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है. इस नजरिये से भी ये विधेयक महत्पपूर्ण है.
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विपक्षी सदस्यों ने संसद के बाहर किया प्रदर्शन
बता दें आज फिर विपक्षी सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में महंगाई के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है. कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा, शिवसेना, द्रमुक, आरएसपी और कुछ अन्य दलों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के बाहर एकत्र होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
HIGHLIGHTS
- अंटार्कटिक में भारत के दो सक्रिय अनुसंधान केंद्र हैं
- पर्यावरण के हितों से जुड़ा यह बिल बेहद अहम है
- भारत सरकार एक अंटार्कटिक शासन और पर्यावरण संरक्षण समिति बनाएगी