Lok Sabha Polls 2024: देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. ऐसे में राजनीतिक दलों और नेताओं में तीखी बयानबानी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. कई बार तो नेताओं को बीच बहसबाजी कटु बोल और निजी हमलों में तब्दील हो रही है. हालांकि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को पहले ही मर्यादा में रहने और व्यक्तिगत हमले न करने की नसीहत दी थी. बावजूद इसके सियासी दल लक्ष्मण रेखा को लांघते नजर आ रहे हैं. यही वचह है कि अब नेताओं के बेलगाम बोल पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग को ही कमान संभालनी पड़ी है. नेताओं के रवैयों से नाखुश चुनाव आयोग अब इसको लेकर जल्द ही कुछ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी कर सकता है.
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जानकारी के अनुसार नेताओं के अमर्यादित रवैये नाराज नई नियमावली में बड़ी कार्रवाई के मूड में है. नियमों का उल्लंघन न करने पर आयोग उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं की कटौती कर सकता है. इसके साथ चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की स्टार प्रचारकों की संख्या कम करने और रोड शो आदि में वाहनों की अनुमति न देने तक की कार्रवाई की जा सकती है. यही नहीं चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर यह पूछने की तैयारी में है कि चुनाव पूर्व दिए दिशा निर्देशों का कितना अनुपालन हो रहा है. चुनाव आयोग का सुझाव है कि चुनाव प्रचार मर्यादित, हेल्दी और मुद्दा आधारित होना चाहिए.
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चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी पर निजी टिप्पणी या कटुता फैलाने वाले बयानों से राजनीतिक दल परहेज करें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की घोषणा से पहले राजनीतिक दलों को आगाह किया था कि वो व्यक्ति टिप्पणी और बेलगाम बयानबाजी से परहेज करें. यही वहीं चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शायरी बढ़ी थी कि दुश्मीन जमकर करो, लेकिन यह गुंजाइश रहे कि जब मिलें तो शर्मिंदा न हों.
Source : News Nation Bureau