लोकसभा की पहली पंक्ति में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव होने वाला है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पांच वरिष्ठतम सांसदों के सदन में चुनकर न आने से संसद का सीटिंग प्लान पूरी तरह से बदल जाएगा.
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लालकृष्ण आडवाणी इस बार लोकसभा के लिए नहीं चुने गए हैं. ऐसे में 17वीं लोकसभा में पहली पंक्ति की इनकी सीटें खाली हो जाएंगी. इनके अलावा एआईडीएमके के नेता एम थंबीदुरई की सीट भी खाली हो जाएगी. देवेगौड़ा, खड़गे और एम थंबीदुरई अपना चुनाव हार गए हैं. जबकि स्वराज और आडवाणी ने चुनाव ही नहीं लड़ा था.
अब इन सीटों पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और सदानंद गौड़ा दिख सकते हैं. ज्यादातर पहली पंक्ति सबसे सीनियर सांसदों और सदन में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को दी जाती हैं. अगर कोई पूर्व प्रधानमंत्री फिर से सदन में सांसद के तौर पर चुना गया है तो बतौर शिष्टाचार उसके भी बैठने की जगह पहली ही पंक्ति में रखी जाती है.
ऐसे मिलती है लोकसभा की पहले लाइन में जगह
पहली पंक्ति में किसी पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, यह सदन में उसके कुल सांसदों की संख्या से तय होता है. जो पांच बिल्कुल तय सीटों के बदलाव बताए गए हैं उनके अलावा दो अन्य पार्टियों के नेता भी अपनी पसंदीदा सीटें खो सकते हैं. ये दो नेता होंगे- बीजू जनता दल (BJD) के सदन के नेता भृतहरि मेहताब और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सुदीप बंदोपाध्याय. पिछले चुनावों में बीजेडी और टीएमसी दोनों को ही अपनी सीटों के चलते यह अवसर मिला था. 2014 में टीएमसी की 34 और बीजेडी की 20 सीटें थीं. लेकिन 2019 के आम चुनावों में टीएमसी को 22 और बीजेडी को 10 सीटें मिली हैं. उनका कोटा पहली पंक्ति में 0.8 सीट और 0.4 सीट पर पहुंच गया है.
बीजेपी की बढ़ेंगी पहली पंक्ति में सीटें
बीजेपी के इस बार सदन में 303 सांसद हैं. लिहाजा पहली पंक्ति में उसकी दो सीटें बढ़ सकती हैं. अब पहली पंक्ति में बैठने वाले बीजेपी सांसदों की संख्या 10 से 12 हो जाएगी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, जो गृह मंत्री बने हैं, उन्हें इन सीटों में से एक मिलनी तय है. राज्यसभा में रहने के दौरान भी वह पहली पंक्ति पर ही बैठते थे. उनके अलावा बीजेपी के वरिष्ठ मंत्रियों जैसे नितिन गडकरी और सदानंद गौड़ा को भी पहली पंक्ति में जगह मिल सकती है. राजनाथ पहले भी पहली पंक्ति में ही बैठते थे.
लोकसभा में बैठने की व्यवस्था के हिसाब से लोकसभा स्पीकर के दाहिनी ओर पहली सीट यानी सीट नंबर 1 प्रधानमंत्री के लिए आरक्षित होती है. प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट अधिकांशत: सत्ताधारी दल के सबसे उम्रदराज मंत्री को दी जाती है.
एक सीट होती हैं हमेशा इनके लिए आरक्षित
यूपीए के दौर में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी और आखिरी पांच सालों में गृहमंत्री राजनाथ सिंह सीट नंबर दो पर बैठा करते थे. साथ ही इस पंक्ति की आखिरी सीट लोकसभा के उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) के लिए आरक्षित होती हैं.
रामविलास पासवान को मिलेगी जगह?
बीजेपी की सहयोगी पार्टी के मंत्रियों में सबसे वरिष्ठ मंत्री लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान हैं. इसके अलावा शिवसेना के अरविंद सावंत और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर के भी पहली पंक्ति में बैठने की उम्मीदें हैं.
पिछली लोकसभा में, यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी और सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पहली पंक्ति में दो सीटों पर बैठते थे. इस वक्त सोनिया गांधी की सीट वैसे ही रहेगी. अगर राहुल गांधी को इस बार अपनी मां की जगह कांग्रेस के संसदीय दल का नेता बना दिया जाता है तो वह भी पहली पंक्ति में आ जाएंगे.
Source : News Nation Bureau