कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के असर के बीच देश में ब्लैक फंगस महामारी भी कहर बरपा रही है. दिनों दिन यह महामारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. कई राज्यों में अब तक ब्लैक फंगस ने पैर जमा लिए हैं, जिससे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच ब्लैक फंगस को लेकर किए गए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉइड्स और ज्यादा स्टीम का मिश्रण इस संक्रमण के खतरे को और बढ़ाता है. स्टडी के मुताबिक, कुछ ऐसी चीजें हैं जो कोरोना मरीजों में कॉमन हैं, जिनसे ब्लैक फंगस की चुनौती के बारे में कुछ समझा जा सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों ने ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी जुटाने के लिए 210 मरीजों पर अध्ययन किया. इन मरीजों को एंटीबायोटिक्स (Azithromycin, Doxycycline and Carbapenems) दी गई थीं, मगर इसके बाद ये लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित मिले. मध्य प्रदेश के महाराजा यशवंतराव अस्पताल के डॉ. वीपी पांडे ने इस स्टडी को लिखा है. इसमें दावा किया गया कि जो ब्लैक फंगस के मरीज मिले, उनमें सिर्फ 14 फीसदी मरीजों में ही स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय इसे ही ब्लैक फंगस के पीछे मुख्य कारण बताता है.
वही ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर चिंता जताई है. उन्होंने आमजन से अपील की, कि लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. बिरला ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक इंजेक्शन के लिए बात की, उन्होंने संबंधित केंद्रीय मंत्रियों और अधिकारियों से भी बात की और उन्हें ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों से अवगत करवाया. उन्हें ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा. अधिकारियों ने लोकसभा अध्यक्ष को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक इंजेक्शन की व्यवस्था को लेकर गंभीर है. स्थानीय दवा कम्पनियों को दिए उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए गये है. विदेश से भी बड़ी मात्रा में इंजेक्शन का आयात कर रहे है. इंजेक्शन की उपलब्धता में जल्द ही वृद्धि हो जायेगी. जून तक इंजेक्शन की कोई कमी नहीं रहेगी.
HIGHLIGHTS
- देश में ब्लैक फंगस महामारी भी कहर बरपा रही है
- बढ़ते मामलों पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर चिंता जताई
- आमजन से अपील की, कि लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें
Source : News Nation Bureau