लोकसभा सदस्यों को नियम-कानून के पाठ को आगे बढ़ाते हुए स्पीकर ओम बिड़ला ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान को नसीहत दी. किसी मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए भगवंत मान को स्पीकर ओम बिड़ला ने बीच में ही रोका और कायदे-कानून की भी याद दिलाई.
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गुरुवार को शून्य काल में स्पीकर ने आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान को बोलने की इजाजत दी. खड़े हुए मान ने विदेशों में भारतीय दूतावासों का मुद्दा उठाया. वह पूरी बात बोले भी नहीं थे कि स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा, "आपने शून्य काल में जिस विषय का नोटिस दिया है, उसी विषय को उठाएं. विषय बदलना है तो भी इजाजत लें. स्पीकर ने कहा- "आपने पंजाब में टीचरों की सैलरी का विषय दिया है, मैं पढ़ा-लिखा सभापति हूं. इस पर सदन में जोर से ठहाके गूंजने लगे.
इसके बाद स्पीकर ने भगवंत मान को विषय बदलने की इजाजत दी और कहा, अगर विषय बदलना हो तो वह मुझसे परमिशन ले, मैं इसकी परमिशन दूंगा. इससे पहले पिछले दिनों स्पीकर ओम बिड़ला ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को नसीहत देते हुए कहा था कि वह किसी भी सदस्य को बोलने की आज्ञा न दें, यह काम स्पीकर का है.
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नए सदस्यों को सदन में बोलने का मौका देने का क्रम बनाए रखते हुए स्पीकर ने गुरुवार को 17वीं लोकसभा की सबसे युवा सांसद चंद्राणी मुर्मू को मौका दिया. स्पीकर ने सदन को बताया कि मुर्मू सबसे युवा सांसद हैं और मैंने खुद इनसे व्यक्तिगत तौर पर अपनी बात सदन में उठाने को कहा था. 25 वर्षीय मुर्मू ओडिशा की क्योंझर लोकसभा सीट से बीजेडी सांसद चुनी गई हैं.