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लोकसभा में उठी 'राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना' का नाम बदलने की मांग

वहीं कांग्रेस के शशि थरूर और केरल के कई अन्य सदस्यों ने मछुआरों के लिए आवास योजना के तहत मिलने वाली 1.2 लाख रुपये की राशि को नाकाफी बताया और इसे बढ़ाए जाने की मांग की

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Aditi Sharma
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लोकसभा में उठी 'राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना' का नाम बदलने की मांग
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद एसपी सिंह बघेल ने मंगलवार को लोकसभा में 'राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना' का नाम बदल कर निषाद समुदाय के राजा के नाम पर 'राष्ट्रीय निषाद राज गुहा योजना' करने की मांग की. आगरा से BJP के लोकसभा सदस्य बघेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निषाद समुदाय 'मछुआरा' शब्द को सही नहीं मानता.

उन्होंने कहा, 'मैं मंत्री जी से आग्रह करता हूं कि 'राष्ट्रीय मछुआरा कल्याण योजना' का नाम बदल दिया जाए.' उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे जाने के दौरान कहा कि इस योजना का नाम इस समुदाय के राजा के नाम पर ‘राष्ट्रीय निषाद राज गुहा योजना’ किया जाए.

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वहीं, कांग्रेस के शशि थरूर और केरल के कई अन्य सदस्यों ने मछुआरों के लिए आवास योजना के तहत मिलने वाली 1.2 लाख रुपये की राशि को नाकाफी बताया और इसे बढ़ाए जाने की मांग की. मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि फिलहाल इतनी राशि दी जा रही है और इसमें कई राज्य अपनी तरफ से बढ़ोतरी कर रहे हैं. केंद्र सरकार की तरफ से बढ़ोतरी करने के बारे में कुछ निर्णय होगा, तो उस बारे में सदन को जानकारी दे दी जाएगी. 

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वहीं दूसरी तरफ अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक मंगलवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया. सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया, लेकिन इसी दौरान कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, भाकपा और माकपा सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे उठाने शुरू कर दिए.

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