पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से कथित तौर पर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के जल्द ही ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है, क्योंकि यूके हाईकोर्ट ने बुधवार को उसकी अपील खारिज कर दी. मीडिया की खबरों के मुताबिक, लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया, जिसमें भगोड़े व्यवसायी के भारत में प्रत्यर्पण की अनुमति दी गई. दोनों जजों ने इस साल की शुरुआत में अपील पर सुनवाई की थी. नीरव मोदी ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी. उसे अब पीएनबी से जुड़े धोखाधड़ी मामले में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.
हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस दलील से संतुष्ट नहीं हैं कि नीरव मोदी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह आत्महत्या कर सकते हैं, इसलिए उन्हें प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण या दमनकारी होगा. हालांकि नीरव मोदी को लंदन से भारत वापस लाने की प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है. उसके मामा मेहुल चोकसी पर भी पीएनबी को धोखा देने और भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित होने का आरोप है. उसने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली है.
नीरव मोदी के पास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है. हालांकि, शर्त यह है कि वह सुप्रीम कोर्ट में तभी अपील कर सकता है, जब हाईकोर्ट इस बात से सहमत हो कि उसके मामले में आम सार्वजनिक महत्व का कानून शामिल है. यदि कोई विकल्प नहीं बचता है, तब नीरव मोदी यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र है.
Source : IANS