किसान आंदोलन की वजह से तीसरी तिमाही में 70 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

किसानों के आंदोलन का असर न सिर्फ आम आदमी पर पड़ रहा है, बल्कि सरकारों को भी अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
kisan andolan

किसान आंदोलन से देश को बड़ा नुकसान,इतने हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

किसानों के आंदोलन का असर न सिर्फ आम आदमी पर पड़ रहा है, बल्कि सरकारों को भी अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की मानें तो किसान आंदोलन से तीसरी तिमाही में 10-20 करोड़ का नहीं, बल्कि 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल का कहना है कि अब तक 36 दिन के किसान आंदोलन से 2020-21 की तीसरी तिमाही में 70,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान अनुमानित है. इसका कारण खासकर पंजाब, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होना है.

यह भी पढ़ें: LIVE: सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने जलाईं कृषि कानूनों की प्रतियां

दिल्ली-NCR राज्यों को 27 हजार करोड़ का नुकसान

वहीं कैट के मुताबिक, किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली व एनसीआर राज्यों को अभी तक 27 हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा से दिल्ली आने वाले माल की आपूर्ति पर बड़ा फर्क पड़ा है. इन दोनों राज्यों से विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है. हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र एवं देश के अन्य राज्यों से दिल्ली आने वाले सामान की आपूर्ति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है.

सम्पूर्ण देश में सामान जाने पर काफी प्रभाव

किसान आंदोलन के चलते न केवल दिल्ली सामान आने पर बल्कि दिल्ली से सम्पूर्ण देश में सामान जाने पर भी काफी प्रभाव पड़ा है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अनुमान लगाते हुए कहा है कि आंदोलन के कारण लगभग 20 प्रतिशत ट्रक देश के अन्य राज्यों से सामान दिल्ली नहीं ला पा रहे हैं. कैट के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देश भर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं और लगभग 30 हजार ट्रक प्रति दिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं. उधर, अगर एसोचैम की मानें तो किसानों आंदोलन के चलते हर दिन 3000 से 3500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में इस तारीख से खुलेंगे 10वीं और 12वीं स्कूल, सरकार ने दी इजाजत 

दिल्ली में रोजाना फल और सब्जी की आवक घटी

एसोचैम के मुताबिक, राजधानी में हर दिन FMCG प्रोडक्ट्स, रोजमर्रा का सामान, फल-सब्जियां, दूध, किराने का सामान, कपड़ा, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाईवुड, रेडीमेड कपड़े आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं. दिल्ली में रोजाना फल और सब्जी की आवक घटी है. किसानों का प्रदर्शन जब से शुरू हुआ है, सब्जियों और फलों की सप्लाई 50 फीसदी ही रह गई हैं. यहां रोजाना 12 हजार मीट्रिक टन माल आया करता था, लेकिन अब माल 6-7 हजार मीट्रिक टन ही आता है. दिल्ली में रोजाना 6000 टन फल और 6000 टन के करीब सब्जी की आवक रहती थी. अब घटकर अब 3000 टन फल और 3200 टन सब्जी की रह गई है.

किसान आंदोलन की वजह से रेलवे पर भी असर पड़ा

किसानों के आंदोलन की वजह से भारतीय रेलवे पर भी असर पड़ा है. पिछले महीने उत्तर रेलवे के जनरल डायरेक्टर आशुतोष गंगल ने बताया कि किसान आंदोलन की वजह से हमें लगभग दो हजार करोड़ से लेकर 2400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, इसमें माल और मुसाफिर ट्रेनें दोनों शामिल हैं. इतना ही नहीं, किसान आंदोलन से औद्योगिक रफ्तार भी प्रभावित हुई है. आंदोलन की जगहों सहित हरियाणा, दिल्ली, यूपी, पंजाब और राजस्थान के 50 से अधिक औद्योगिक सीधे तौर पर प्रभावित हैं. कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है.

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू करेंगे कोरोना टीकाकरण अभियान, 16 जनवरी को CO-WIN ऐप भी करेंगे लॉन्च 

मोबाइल टावरों को भी नुकसान

इसके अलावा किसानों ने मोबाइल टावरों को भी नुकसान पहुंचाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसानों में लगभग 1600 जियो टॉवरों को निशाना बनाया है, कई जगहों पर ऑप्टिकल फाइबर को भी नुकसान पहुंचाया गया, जिससे पंजाब में कई जगह जियो की सर्विस प्रभावित हुई. वहीं एसोचैम का कहना है कि पड़ोसी राज्यों से जुड़ने वाले मुख्य राजमार्गों के जाम होने के कारण रोजाना हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

Source : News Nation Bureau

farmers-protest kisan-andolan किसान आंदोलन PhD Chamber
Advertisment
Advertisment
Advertisment