दस लाख से अधिक आय वालों को रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी छिन सकती है। जल्द ही आयकर विभाग तेल कंपनियों से टैक्स दे रहे उन लोगों और परिवारों की जानकारी साझा करेगी जिनकी आय दस लाख से अधिक है।
सरकार ये फैसला गैस सब्सिडी की चोरी रोकने के लिये से रही है। आयकर विभाग इस तरह के लोगों के नाम के सहित उनके पैन, जन्मतिथि, उपलब्ध पते, ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर की जानकारी भी मंत्रालय को देगा। जल्द ही इस संबंध में विभाग और मंत्रालय के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस फैसले को मंजूरी दी है।
यह कदम सरकार के उस फैसले के बाद उठाया गया है जिसके तहत उसने कहा था कि दस लाख रुपए से अधिक सालाना आय वाले परिवारों और करदाताओं को गैस पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पेट्रोलियम मंत्रालय को आयकर विभाग से यह डेटा मिलने के बाद 10 लाख रुपए की सालाना आय वाले टैक्सपेयर्स को गैस सब्सिडी मिलनी अपने आप बंद हो जाएगी।
हालांकि, कुछ लोग पहले ही गैस पर सब्सिडी छोड़ चुके हैं। लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे है, जिन्होंने सब्सिडी नहीं छोड़ी है। इस संबंध में सरकार खुद जांच करवाना चाहती है। एक उच्च अधिकारी के अनुसार जल्द ही इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा।
मौजूदा समय में प्रति परिवार 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडर हर वर्ष दिए जाते हैं। नए एलपीजी कनेक्शन पर सब्सिडी लेने के लिए उपभोक्ताओं को खुद घोषणा कर बताना होगा कि उनकी वार्षिक आमदनी 10 लाख रुपए से कम है।
Source : News Nation Bureau