इंसानों में फैली महामारी से अभी दुनिया उबरी भी नहीं है कि अब जानवरों ने लंपी (Lumpy Skin Disease) नाम की महामारी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. देश के दो राज्यों गुजरात और राजस्थान में लंपी बीमारी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है. राजस्थान के नौ जिलों में लम्पी स्किन रोग की वजह से 2,500 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. इतने बड़े पैमाने पर मवेशियों की मौत से पूरे रेगिस्तानी राज्य में दहशत फैल गई है.
50,000 हजार से ज्यादा मवेशी है संक्रमित
पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वायरल बीमारी के कारण जहां 2,500 से ज्यादा पालतू जानवरों की मौत हो गई है, वहीं लगभग 50,000 से ज्यादा मवेशी इस वक्त लंपी बीमारी से संक्रमित हैं. उन्होंने बताया कि वायरल संक्रमण नौ जिलों में फैल चुका है. ये वो जिले हैं, जो गुजरात से सटे हुए हैं. गौरतलब है कि गुजरात इस बीमारी का केंद्र बना हुआ है. उन्होंने बताया कि बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, बीकानेर, पाली, गंगानगर, नागौर, सिओढ़ी और जैसलमेर समेत नौ जिलों से मवेशियों की मौत की सूचना मिली है.
जांच के लिए पहुंची केंद्रीय टीम
अधिकारी ने कहा कि इस बीमारी के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. फिलहाल लक्षणों के आधार पर इलाज किया जा रहा है. मई में जैसलमेर से पहला मामला सामने आया था, जहां स्थिति अब नियंत्रण में हैं. इस बीच केंद्र से वैज्ञानिकों और पशु चिकित्सकों की एक टीम ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को जोधपुर और नागौर का दौरा किया वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की कि टीम गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली और सिरोही का भी दौरा करेगी.
इन जिलों में जारी किया गया अलर्ट
राज्य सरकार ने डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरात सीमा से सटे जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये वायरल रोग रक्त चूसने वाले कीड़ों, मक्खियों की कुछ प्रजातियों और दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है. यह तीव्र बुखार, आंखों और नाक से स्राव, लार, पूरे शरीर में नरम छाले जैसी गांठ, दूध की उपज में उल्लेखनीय कमी का कारण बनता है. इस संक्रमण से मृत्यु दर 1.5 प्रतिशत है.
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
इस बीच, राज्य भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर वायरस को फैलने से रोकने के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया. उन्होंने लिखा कि राज्य में हजारों पशुओं की मौत ने पशुपालन में लगे लोगों को चिंतित कर दिया है. राज्य के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में डेयरी किसानों को आजीविका का खतरा उत्पन्न हो गया है, क्योंकि कई मवेशी संक्रामक त्वचा रोग के कारण मर रहे हैं. पूनिया ने लिखा है कि मैं आपसे इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का अनुरोध करता हूं. मैं आपसे पशु चिकित्सालयों के खाली पड़े पदों को भरने का भी अनुरोध करता हूं.
गुजरात में हो चुकी है 1000 से ज्यादा मवेशियों की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बीमारी से गुजरात में भी अब तक 1000 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. यह बीमारी गुजरात में पहली बार सामने आई है. सबसे अधिक प्रभावित जिलों में कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका और पोरबंदर शामिल हैं. पिछले डेढ़ महीने में 30 हजार से ज्यादा गाय, भैंस आदि मवेशी इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं.
Source : News Nation Bureau