मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन की एक याचिका पर अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया. इस याचिका में तमिलनाडु के राज्यपाल को उसे रिहा करने के नौ सितम्बर, 2018 के राज्य सरकार के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने का निर्देश देने की मांग की गई है. न्यायमूर्ति आर.सुबैया और न्यायमूर्ति सी. सर्वनन की पीठ ने इस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. पीठ के समक्ष नलिनी के वकील ने लिखित दलीलें रखीं.
नलिनी के वकील ने दावा किया है कि न्यायालय, राज्यपाल को आदेश दे सकता है. उन्होंने पहले दायर की गई एक याचिका का उल्लेख किया, जिसमें राज्यपाल को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने के लिये तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को आमंत्रित करें. महाधिवक्ता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 361 (1) के तहत राज्यपाल को पूर्ण छूट हासिल है और इसलिये राज्यपाल को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है.
राज्य मंत्रिमंडल ने इस हत्याकांड में दोषी वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन, टी सुथनथीरराजा उर्फ संतन, एजी पेरारीवलन उर्फ अरिवू, जयकुमार, रॉबर्ट पायस और नलिनी को संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत रिहा करने का फैसला किया था.
Source : PTI