महिलाओं और छोटी बच्चियों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराध को देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार को कहा है कि इस तरह के हिंसा को रोकने के लिए महिलाओं को गैजेट्स उरपलब्ध कराएं।
हर साल महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ते अपराध खासकर यौन अपराध पर जस्टिस एन किरुबकारण ने इस तरह के अपराध को तुरंत रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है और कहा कि सरकार महिलाओं को सुरक्षा के लिए गैजेट्स उपलब्ध कराए।
60 साठ साल की महिला के रेप और हत्या में दो आरोपियों की याचिका खारिज करते हुए उन्होंने कहा, 'यौन अपराध से पीड़िता के दिमाग में पीड़ा की भावना और स्थायी डर बैठ जाता है, साथ ही इससे उनके निजता, मर्यादा और सम्मान का हनन होता है।'
जज ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के साथ-साथ कई सवालों को उठाए, जिसका जवाब केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को देना है।
उन्होंने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को मामले में अभियोजित किया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि उनके सवालों के जवाब 10 जनवरी 2018 तक दाखिल किए जाएं।
इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को जांच करने को कहा है कि क्या बढ़ते यौन अपराध का कारण स्मार्टफोन और इंटरनेट के जरिये पॉर्नोग्राफी की चीजों की बढ़ोतरी तो नहीं है।
और पढ़ें: आरुषि हत्याकांड: हेमराज की पत्नी ने हाईकोर्ट के फैसले को SC में दी चुनौती, कहा- एजेंसी हत्यारों का पता लगाए
HIGHLIGHTS
- मद्रास हाई कोर्ट ने यौन हिंसा को रोकने के लिए महिलाओं को गैजेट्स उरपलब्ध कराने का दिया निर्देश
- केंद्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को सवालों के जवाब 10 जनवरी 2018 तक दाखिल करने का निर्देश
Source : News Nation Bureau