मद्रास हाई कोर्ट ने वीआईपी और मौजूदा जजों के लिए नेशनल हाइवे पर एक अलग एक्सक्लूसिव लेन बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) कहा कि अगर वो आदेश को नहीं मानते हैं तो कोर्ट की अवमानना माना जाएगा और कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। लार्सन ऐंड टूब्रो कृष्णागिरी वलाजपेट टॉलवे लिमिटेड सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस हुलुवाडी जी रमेश और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की डिवीजन बेंच ने कहा, 'ये वीआईपी (VIP) और जजों के लिए बहुत शर्म की बात है कि वे टोल प्लाजा पर वेट करें और अपने आइडेंटिटी कार्ड दिखाएं।
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आदेश में कहा गया है कि एक सर्कुलर प्रत्येक टोल कलेक्टर के लिए जारी किया जा सकता है, जिसमें उन्हें वीआईपी लेन तैयार करने के लिए कहा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि यह टोल कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह उस लेन से वीआईपी और जज के अलावा किसी और को गुजरने न दें और जो भी इस नियम का उल्लंघन करे, टोल कलेक्टर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
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कोर्ट ने कहा है कि अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
जज ने कहा कि अलग लेन नहीं होने की वजह से हर टोल प्लाजा पर सिटिंग जज और वीआईपी लोगों को 'बेकार की शर्मिंदगी' का सामना करना पड़ता है। यह दुर्भाग्य है कि टोल प्लाजा पर सिटिंग जज को 10 से 15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। इस बात को न तो केंद्र सरकार और न ही एनएचएआई गंभीरता से ले रही है।
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Source : News Nation Bureau