गोरखपुर जोन के 11 में से 6 जिलों कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती की सीमा नेपाल से सटी हैं. इन्हीं जिलों में अचानक से बड़ी संख्या में मस्जिद, मदरसे सामने आए हैं. खुफिया रिपोर्ट आने के बाद एसएसबी और पुलिस ने सक्रियता बढ़ा दी है. कुछ सूचनाएं हैं कि इन मदरसों के लिए ऐसी गतिविधियों के लिए नेपाल के जो संगठन हैं नेपाल के जो कुछ मस्जिद हैं. वहां से नकद में कुछ पैसे भेजे जाने की सूचनाएं हैं. हमारी पड़ताल में ये भी सामने आया कि मदरसों को पब्लिक स्कूल, मॉर्डर स्कूल का नाम दिया जा रहा है.
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नेपाल और भारत में मदरसों का जाल चौंकता है. खासकर तब जब यहां मुस्लिम आबादी बेहद कम है. इन मदरसों पर करोड़ों कौन खर्च कर रहा है. ये भी शक पैदा करता है. हमारी पड़ताल में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. बॉर्डर एरिया में भारत की सीमा के अंदर पहले घरों का निर्माण होता है, लेकिन धीरे-धीरे उसे मदरसों और मस्जिद में बदल दिया जाता है. हमने नेपाल की सीमा से सटे बहराइच जिले में खुले मदरसे में जाकर पड़ताल की. यहां मदरसे चलाने वाले खुद नहीं जानते कि ये मदरसा रजिस्टर्ड है या नहीं और ऐसे कई मदरसे हैं. जिसका कोई हिसाब किताब सरकारी दस्तावेजों में नहीं है. सिद्धार्थ नगर जिले में लगभग 65 किमी लंबे बॉर्डर पर 500 सौ से ज्यादा मस्जिद और मदरसे हैं.
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इस्लामी संघ नेपाल और दावत-ए-इस्लामिया पाकिस्तान के जेहादी नेटवर्क के वो दो मोहरे हैं. जो ना सिर्फ भारत में कट्टरपंथ की घुसपैठ करा रहे हैं. बल्कि भारत के भगोड़े आतंकियों को पनाह भी देते रहे हैं और भारत में खून-खराबे के लिए भारतीय नौजवानों को आतंकवाद का पाठ भी पढ़ा रहे हैं. बलरामपुर के ISIS आतंकी मुस्तकीम उर्फ अबू यूसुफ का भी नेपाल कनेक्शन सामने आया. जिसके घर से दिल्ली पुलिस ने विस्फोटक और सुसाइड जैकेट बरामद किया था. ये दहशतगर्द साल 2017 में नेपाल बॉर्डर के सप्तपुरी में एक धार्मिक जलसे में शामिल हुआ था.
Source : News Nation Bureau