मैगी की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल उठे हैं क्योंकि मैगी के सैम्पल एक बार फिर जांच में फेल हो गए है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में खाद्य एवं औषधि विभाग ने मैगी के सैम्पल जांच के लिए भेजा। लेकिन मैगी की गुणवत्ता तय मानकों पर खरी नहीं उतरी।
गुणवत्ता में फेल होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए नेस्ले कंपनी समेत डिस्ट्रीब्यूटर और विक्रेताओं पर लाखों का जुर्माना लगाया है।
बताया जाता है कि मैगी सैम्पल फेल होने पर 45 लाख का जुर्माना नेस्ले कम्पनी पर लगाया गया है जबकि डिस्ट्रीब्यूटर समेत छ विक्रेताओं समेत पर 17 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
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मैगी उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर दो साल पहले देश के विभिन्न राज्यों में संदेह गहराने पर नेस्ले ने वितरकों के जरिए बाजार से मैगी के तमाम उत्पाद वापस मंगा लिए थे। इसके बावजूद यूपी के शहरों में उनकी खुदरा बिक्री जारी रहने पर शासन ने मैगी उत्पादों की सैंपलिंग कराने को विशेष अभियान शुरू कराया था।
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Source : News Nation Bureau