महाराष्ट्र की एक लोकल कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के सीएम और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के मुखिया चंद्र बाबू नायडू के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने चंद्र बाबू नायडू समेत 16 लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने 2010 में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ किए गए एक आंदोलन को लेकर यह वारंट जारी किया है। जिन लोगों को नायडू के अलावा गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है उसमें आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंत्री देवीनेमी उमामहेश्वर राव भी शामिल है।
वहीं दूसरी ओर टीडीपी ने इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी का हाथ बताया है।
कोर्ट की ओर से वॉरंट जारी किए जाने के बाद टीडीपी के प्रवक्ता लंका दिनकर ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी हुआ है। ऐसा लगता है कि इसमें नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की कोई साजिश है।'
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अदालत ने सभी लोगों को 21 सितंबर तक अदालत के सामने पेश होने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि 2010 में टीडीपी ने महाराष्ट्र की बाभली परियोजना के निर्माण को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। टीडीपी का आरोप था कि महाराष्ट्र उस परियोजना का अवैध तरीके से निर्माण कर रहा था।
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2010 में जब चंद्र बाबू नायडू ने आंदोलन किया था तो महाराष्ट्र पुलिस ने नांदेड़ जिले में निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया था। नायडू के साथ उस समय टीडीपी के 5 सांसद और 7 विधायक भी गिरफ्तार किए गए थे।
Source : News Nation Bureau