शिंदे 'सेना' को SC से बड़ी राहत, महाराष्ट्र सरकार-डिप्टी स्पीकर को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. साथ ही उन्हें अयोग्य ठहराए जाने पर भी रोक.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
SC

बागी शिंदे को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ी राहत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

शिवसेना के बागी गुट यानी एकनाथ शिंदे सेना को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली है. एकनाथ शिंदे की याचिकाओं पर सुनवाई और बहस के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने न सिर्फ डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवाल को नोटिस जारी कर दिया, बल्कि 16 बागी विधायकों को नोटिस की कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पूछा है कि जब बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, तो डिप्टी स्पीकर उसे बगैर सदन में रखे कैसे खारिज कर सकता है. मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी. 

डिप्टी स्पीकर और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान जिरह के बाद शिंदे गुट को  फोरी तौर पर राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. इससे पहले जस्टिस सूर्य कांत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा है. एकनाथ शिंदे की याचिका पर यह नोटिस जारी किया गया है. 

यह भी पढ़ेंः Maharashtra Political crisis: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई, कर दिया पैदल

डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर एससी सख्त
यही नहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या जिस स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो वो किसी सदस्य की अयोग्यता की कार्रवाई शुरू कर सकता है. इसके अलावा शीर्ष कोर्ट ने पूछा कि शिंदे गुट ने मेल के जरिये डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसपर विधायकों के साइन थे. इस पर डिप्टी स्पीकर के वकील राजीव धवन ने कहा कि ई-मेल वैरिफाइड नहीं था, इसलिए उसे खारिज कर दिया गया था. इसपर कोर्ट ने सख्ती से कहा कि डिप्टी स्पीकर और विधान सभा दफ्तर को एक एफिडेविट दाखिल करना होगा. बताना होगा कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था कि नहीं और आया था तो उसे क्यों और किस आधार पर खारिज कर दिया गया.

HIGHLIGHTS

  • सर्वोच्च अदालत में मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को
  • डिप्टी स्पीकर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
  • शिंदे समेत बागी विधायकों पर भी कार्रवाई पर रोक लगी
Supreme Court maharashtra-crisis सुप्रीम कोर्ट Eknath Shinde उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे Notice नोटिस महाराष्ट्र संकट Deputy Speaker डिप्टी स्पीकर
Advertisment
Advertisment
Advertisment