महाराष्ट्र में प्याज उत्पादन करने वाले किसानों को भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. नासिक के दो किसानों के द्वारा विरोध स्वरूप प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पैसे भेजने के बाद अहमदनगर जिले में एक और किसान ने प्याज की कमाई से मिले 6 रुपये को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मनीऑर्डर कर दिया. श्रेयस अभाले ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि 2657 किलो प्याज जिले के संगमनर होलेसेल मार्केट में 1 रुपये प्रति किलो बेचने और मार्केट के खर्च के बाद उसके पास सिर्फ 6 रुपये बचे.
अभाले ने कहा, 'मुझे संगमनर होलसेल मार्केट में 2,657 किलो प्याज बेचकर कुल 2,916 रुपये मिले. मजदूरी और ट्रांसपोर्ट वाले को भुगतान करने के बाद मेरे पास सिर्फ 6 रुपये बचे.' अभाले ने कहा कि उसे निराशा हुई और अपनी स्थिति पर ध्यान दिलाने के लिए 6 रुपये को मुख्यमंत्री को भेजने का निर्णय लिया. उन्होंने 7 दिसंबर को यह मनीऑर्डर भेजा था. उन्होंने कहा, 'मैंने प्याज की फसल के लिए करीब दो लाख रुपये खर्च किए और मुझे मिले सिर्फ 6 रुपये. मैं नहीं जानता कि मैं दूसरे बकाए को कैसे चुकाऊंगा.'
प्याज के बंपर उत्पादन ने नासिक और अहमदनगर जिले में प्याज उत्पादन करने वाले किसानों को ही प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर दिया है. कई कारणों से मंडी में प्याज की कीमतें बहुत कम हो गई हैं, जिस वजह से किसानों को प्याज काफी कम कीमत में बेचनी पड़ रही है.
अभी हाल ही में नासिक जिले के संजय साठे नाम के एक किसान ने 1.4 रुपये प्रति किलो प्याज का दाम मिलने पर 1,064 रुपये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मनीऑर्डर से भेजकर अपना विरोध जताया था. वहीं नासिक जिले में ही एक और किसान ने 545 किलोग्राम प्याज 51 पैसे प्रति किलो बेचने से मिले 216 रुपये का मनीऑर्डर मुख्यमंत्री फडणवीस को भेज दिया था.
साठे ने कहा था कि इन रुपये को भेजने के लिए मुझे अलग से 54 रुपये मनीऑर्डर पर खर्च करने पड़े. साठे ने कहा, 'मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं. लेकिन अपनी दिक्कतों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर मैं नाराज हूं.'
पिछले दो दिनों में नासिक जिले में ही कर्ज और प्याज की कम कीमतों से परेशान दो प्याज किसानों ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली. बता दें कि उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में पूरे भारत का 50 फीसदी प्याज उत्पादन होता है.
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अहमदनगर जिले के नेवासा तालुका में एक किसान ने अपने 20 क्विंटल (2,000 किलोग्राम) प्याज को मुफ्त में बांट दिया. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर व्यंग्यात्मक तरीके से टिप्पणी कर 'प्याज की बहुत कम कीमत रखने के लिए' धन्यवाद करते हुए बोर्ड लगा रखा था.
प्याज की कीमतों में बीते कुछ सप्ताहों में भारी कमी आई है, जिससे दोनों जिले के किसान काफी परेशान हैं। कम कीमत से परेशान किसानों और आत्महत्या की घटना के बाद भी सरकार अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
सितंबर में प्याज 500-900 रुपये प्रति कुंटल की दर से बिक रहा था, जो अब घटकर 100/150 रुपये प्रति कुंटल हो गया है और कुछ क्षेत्रों में तो प्याज की गुणवत्ता के हिसाब से कीमतों में और कमी देखी गई है। नासिक और आस-पास के विभिन्न इलाकों में किसानों ने बीते कुछ सप्ताह में प्याज की कम कीमतों के विरोध में लगातार प्रदर्शन किए हैं.
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Source : News Nation Bureau